हाईकोर्ट का फैसला : मुस्लिम महिलायें तलाक के बाद भी मांग सकती है गुजारा भत्ता

तलाकशुदा मुस्लिम महिलाएं भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार हैं

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाएं भी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार हैं. निर्वाह कोष)। वे प्रतीक्षा अवधि के बाद भी इसे प्राप्त कर सकते हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि तलाकशुदा महिलाओं को पुनर्विवाह का अधिकार है। न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की पीठ ने याचिकाकर्ता रजिया की आपराधिक समीक्षा याचिका पर यह आदेश पारित किया।

सत्र न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता और उसके पति का मामला इसके लागू होने के बाद मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम के अधीन होगा। सत्र न्यायालय ने कहा कि केवल उक्त अधिनियम की धारा तीन और चार के तहत, एक मुस्लिम तलाकशुदा पत्नी गुजारा भत्ता की हकदार है।सीआरपीसी की धारा 125 ऐसे मामलों में  लागू नहीं होती है।

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