लखीमपुर खीरी : उल्लू तस्करों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए दुधवा नेशनल पार्क में जारी हुआ हाई अलर्ट
यूँ तो दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई अंधकार पर प्रकाश के विजय का प्रतीक माना जाता है लेकिन अभी कुछ लोगों को अविश्वास के अंधकार जकड़े हुए हैं।
यूँ तो दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई अंधकार पर प्रकाश के विजय का प्रतीक माना जाता है लेकिन अभी कुछ लोगों को अंधविश्वास के अंधकार जकड़े हुए हैं। इसीलिए इंडो नेपाल सीमा पर स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व पार्क में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिसका मकसद एक बार फिर तस्करों से उन लोगों की जान बचाना है।
आपको बता दें दीपावली का त्यौहार आते ही उन लोगों की जान पर आफत बनाई है हर साल दिवाली के मौके पर तंत्र साधना और सिद्धि पाने के लिए उल्लू की बलि देने संबंधी अंधविश्वास की वजह से लुप्तप्राय इस पक्षी की जान पर खतरे के बादल मंडराने लगते हैं लखीमपुर खीरी में दुधवा टाइगर रिजर्व पार्क में उल्लू के जान के दुश्मन एक बार फिर सक्रिय हो गए इसी को देखते हुए वन विभाग ने पाक को अलर्ट मोड पर रख दिया है।
हाथी पर सवार होकर गस्त की जा रही है
इंडो नेपाल सीमा पर स्थित दुधवा टाइगर पार्क में 12 प्रजातियों के उल्लू पाए जाते हैं इनमें से कुछ बेहद दुर्लभ प्रकार के हैं दिवाली के त्यौहार के मद्देनजर दुधवा नेशनल पार्क में उल्लू की जान बचाने के लिए रूटिंग अस्त के साथ नाइट पेट्रोलिंग भी की जा रही है इसके अलावा जंगलों मैं जिन जगहों पर वहां नहीं जा पाते वहां हाथी पर सवार होकर गस्त की जा रही है।
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तू तो उल्लू को माता लक्ष्मी का वाहन माना जाता है लेकिन कुछ अंधविश्वासी तांत्रिक और अघोरियों का मानना है कि दीवाली त्योहार की रात में विशेष नक्षत्र पर तंत्र मंत्र क्रिया के द्वारा उल्लू की बल दी जाए तो मनोकामना पूर्ण होती है इसी अंधविश्वास के चलते दिल्ली मुंबई समेत बड़े महानगरों के लोग एक उल्लू को 20 से ₹300000 में तस्करों से चोरी-छिपे खरीद रहे हैं।
दुर्लभ प्रजाति के पक्षी की सिर्फ जान का दुश्मन बन बैठा है
पूर्व में भी इस प्रकार के मामले सामने आए हैं जहां तस्करों ने मोटी कीमत लेकर उल्लू को भेजा है दुधवा बफर जोन के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक की माने तो दिवाली पर उल्लू की बल देने की ब्राह्मण पता सदियों से चली आ रही है जिसके चलते दीपावली त्यौहार के समय दुधवा में उल्लू तस्करों का मूवमेंट बढ़ जाता है जबकि वन्यजीव प्रेमियों का मानना है की या अंधविश्वास हमारे दुर्लभ प्रजाति के पक्षी की सिर्फ जान का दुश्मन बन बैठा है।
फिलहाल 884 वर्ग किलोमीटर फैले दुधवा नेशनल पार्क में एक बार फिर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है देखने वाली बात होगी की पार्क प्रशासन उल्लू की जान बचाने में कितना सफल हो पाता है।
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