अरे ये क्या आखिर क्यों यहाँ शराब पिलाकर खड़ा करते हैं रावण का पुतला ?
रावण को असत्य का प्रतीक मानते हुए दशहरे के दिन जलाया जाता है।
शराब पिलाकर खड़ा करते हैं रावण का पुतला। रावण को असत्य का प्रतीक मानते हुए दशहरे के दिन जलाया जाता है। मेरठ में मान्यता है कि रावण के पुतले को खड़ा करने से पहले जमीन और उसके मुंह में शराब डालते हैं, शहर में विभिन्न परंपरा वर्षो से चली आ रही है इसके पीछे कोई तर्क नहीं है लेकिन मानने वाले इसे मानते हैं।
इसी क्रम में राज बन रामलीला मैदान में मेहताब जो कि सरधना के निवासी हैं यह और उनके बेटे पिछले 40 वर्षों से रावण का पुतला बनाने का कार्य कर रहे हैं, इन्होंने तोपखाना, जेल चुंगी, और रज बन रामलीला मैदान में रावण बनाने का ठेका लिया हुआ है जिसमें प्रत्येक रावण का ठेका करीब ₹60000 में इन्हें मिलता है। रज बन रामलीला कमेटी के उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र त्यागी का कहना है यह एक आपसी सौहार्द का त्यौहार है और इसे सभी मिलजुल कर मनाते हैं।
रिपोर्ट : अर्जुन त्यागी
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