चीन के आगे नतमस्तक पाक, पाक के इस शहर की चीन करा रहा घेराबंदी, हो रहा जमकर विरोध 

जैसा कि सभी देशों को पता है कि चालबाज चीन अपने पैतरे में फंसाकर अपना काम निकालने की जुगाड़ में रहा है। ऐसा ही एक मामला पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर से सामने आया है।

जैसा कि सभी देशों को पता है कि चालबाज चीन अपने पैतरे में फंसाकर अपना काम निकालने की जुगाड़ में रहा है। ऐसा ही एक मामला पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर से सामने आया है। यहां शहर को कांटेदार तार के माध्यम से घेरा जा रहा है। कहा जा रहा है कि बंदरगाह वाले इस शहर की चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना को बागियों से बचाने के लिए घेराबंदी की जा रही है। जिसका पाक के अंदर जमकर विरोध हो रहा है।

 

तत्काल बंद करने की मांग

विपक्षी पार्टियों ने इस घेराबंदी को लेकर सरकार को जमकर घेरा और तत्काल इसे बंद करने की मांग की। उनका कहना है कि इस घेराबंदी से शहर के कारोबार और लोगों की मुक्त आवाजाही पर रोक लग जाएगी। वहीं विपक्षी सीनेटर कबीर मोहम्मद शाही ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि इस घेराबंदी से ग्वादर शहर दो हिस्सों में बंट जाएगा।

हाईकोर्ट में चुनौती

इस घेराबंदी का देश भर में जमकर विरोध हो रहा है। यहां तक कि वकीलों एक समूह ने इसे बलूचिस्तान हाईकोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। बलूचिस्तान बार काउंसिल के उपाध्यक्ष मुनीर काकर ने कहा कि घेराबंदी ग्वादर बंदरगाह को शहर से अलग करने और उसे सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में लेने की कोशिश है। मीडिया खबरों की बात करें तो सरकार की योजना 24 वर्ग किलोमीटर इलाके की घेराबंदी की जानी है। चीन अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना के तहत पाकिस्तान में 50 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है। इस निर्माण योजना का केंद्रीय स्थल ग्वादर ही है।

सीएम ने किया खंडन

हालांकि बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने इस बात का खंडन किया है कि ग्वादर शहर में घेराबंदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कुछ कदम अवश्य उठाये गए हैं। लेकिन दूसरी तरफ बलूचिस्तान के कई जानकारों का मानना है कि ऐसी घेराबंदी करके सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती है। बेहतर रास्ता स्थानीय आबादी का असंतोष दूर करके उन्हें भरोसे में लेना होगा।

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