शासन की महत्वाकांक्षी योजना और गरीबों के हक पर ग्राम प्रधान का डाका
परिजनों को मनरेगा मजदूर बनाकर हड़पा गरीबों का निवाला।
Corruption: सुलतानपुर,बल्दीराय।”जब सैया भये कोतवाल तो अब डर काहे का”शायद यह कहावत विकासखण्ड धनपतगंज की ग्राम पंचायत सरैया माफी के प्रधान अजय कुमार शुक्ला के ऊपर सटीक बैठ रही है।
सरकार की संचालित की गई अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा की धनराशि हड़पने के लिए प्रधान जी ने नया तरीका अपनाया है,शायद अन्य सरकारी योजनाओं की धनराशि उनके लिए कम दिख रही है।
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विकासखण्ड धनपतगंज की ग्राम पंचायत सरैया माफी के ग्राम प्रधान अजय कुमार शुक्ला ने मनरेगा की धनराशि हड़पने के लिये अपने सगे संबंधियों के नाम जॉब कार्ड बनाकर बाकायदा उस पर मास्टर रोल के अंतर्गत मजदूरी दर्ज करके लाखों का चूना सरकार को लगाया है। जबकि सूत्र बताते हैं कि प्रधान ने जो जॉब कार्ड बनाये है,उनमें अधिकांश नाम तो प्रधान के परिवार का ही है।
फिलहाल अजय कुमार शुक्ला के कार्यों की अगर शासन प्रशासन जांच करवाये तो शायद जिले के यह पहले ग्राम प्रधान होंगे की प्रधान के घर के सदस्य मनरेगा में मजदूरी करते है।
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ऐसी स्थिति में प्रधान का परिवार आज भी गरीबी में जीवन यापन करके मनरेगा की मजदूरी के ऊपर ही निर्भर है।बता दे की सरैया माफी के ग्राम प्रधान अजय कुमार शुक्ला ने अपनी पत्नी शक्ति शुक्ला, पिता भगौती शुक्ला, भाई विजय कुमार, भाई अजीत कुमार, भाभी मंजू पत्नी सतीश शुक्ला,भाई की पत्नी किंजल पत्नी अजीत कुमार, भतीजी श्रद्धा पुत्री सतीश कुमार,भतीजा आदित्य पुत्र सतीश कुमार, हर्षित पुत्र विजय कुमार, श्रेया पुत्री विजय कुमार तथा अमन पुत्र काली सहाय का जॉब कार्ड बनाकर अपने कार्यकाल में इन्हें मनरेगा के अंतर्गत मजदूर बनाया है।
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सरैया माफी का यह प्रधान अपनी ग्राम पंचायत में भले ही गरीबों का जाब कार्ड ना बनाया हो, लेकिन अपने परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए सारे सदस्यों के नाम जाब कार्ड जारी करके इमानदारी का जो परिचय दिया है शायद ग्राम पंचायत के किसी नागरिक से छुपा नहीं है।
सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान संचालित की जा रही हैं
फिलहाल यह जालसाज ग्राम प्रधान मनरेगा के तहत व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा करके सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहा है। इसकी पोल ग्रामीणों के समक्ष खुल गई है।प्रधान जी के परिवार वालों द्वारा ही चार गांवों की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान संचालित की जा रही हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी सहित जिम्मेदार अधिकारियों से लिखित शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही सिफर है।एक ही घर के लोगों द्वारा चार गांवों की कंट्रोल की दुकान चलाने से भजपा की जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। यहां ग्राम पंचायत में सैकड़ों गरीब लोग मजदूरी करने के लिए परेशान है।
गरीबों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है
इस लॉकडाउन में उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है,ऐसे में ग्राम प्रधान द्वारा अपने चहेते परिवारों को मनरेगा में काम देकर वास्तविक गरीबों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
फिलहाल उक्त ग्राम प्रधान का काला कारनामा अब सामने आ गया है। ग्राम पंचायत सरैया माफी के निवासी अम्बरीश तिवारी ने ग्राम प्रधान के द्वारा सरकारी योजनाओं में व्यापक पैमाने पर की जा रही धन की लूट की जांच करवाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री,माननीय मुख्यमंत्री, तथा सुल्तानपुर के जिलाधिकारी महोदय को शिकायती पत्र भेजकर जांच कराये जाने की मांग की है।
शासन प्रशासन कि जांच के बाद प्रधान जी का काला कारनामा और भी उजागर हो जायेगा।जनता के हित के लिए सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का मनमाफिक संचालन कर ग्राम प्रधान द्वारा दोनों हाथों से की जा रही लूट की ईमानदारी से जांच करवाकर कड़ी कार्यवाही करने की मांग ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की है।
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