पीएम मोदी के गढ़ को ध्वस्त कर सपा के इन दिग्गजों ने पूर्वांचल में लहराया ‘समाजवाद’ का परचम

यूपी में खण्ड निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य(MLC elections) के चुनाव में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने अपनी जीत का ऐसा डंका बजाया है जिसकी आवाज दिल्ली की सियासी गलियों तक सुनाई दे रही है.

यूपी में खण्ड निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य(MLC elections) के चुनाव में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में समाजवादी पार्टी ने अपनी जीत का ऐसा डंका बजाया है जिसकी आवाज दिल्ली की सियासी गलियों तक सुनाई दे रही है. स्नातक एमएलसी चुनाव और शिक्षक एमएलसी(MLC elections) चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को पटखनी देते हुए शानदार जीत दर्ज की है. शिक्षक निर्वाचन वाराणसी खंड में सपा प्रत्याशी लाल बिहारी यादव ने 936 मतों और स्नातक एमएलसी चुनाव(MLC elections) में सपा के आशुतोष सिन्हा ने 3,850 मतों से विजयी घोषित हुए हैं.

समाजवादी पार्टी के सिपहसालारों ने निभाई अहम भूमिका

समाजवादी पार्टी की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे कई ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने जीत दिलाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई है. पूर्वांचल की छात्र और युवा राजनीति के मर्मज्ञ पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह और विधायक वीरेंद्र यादव ने वो कर दिखाया है जो बीजेपी ने सपने में भी नहीं सोचा था. पीएम मोदी के घर में घुसकर इन नेताओं ने स्नातक और शिक्षक एमएलसी की सीट छीनकर समाजवादी पार्टी की झोली में डाल दी. जिन सीटों पर सपा ने अपनी जीत का परचम लहराया है उसपर भाजपा सालों से कब्जा जमाए बैठी थी. लेकिन उसके इस अभेद्द किले की गद्दी पर समाजवादी पार्टी के चाणक्यों ने अपनी रणनीति से सपा के सिपहसालारों को बैठा दिया. समाजवादी पार्टी को जो जीत दिलाई है वो इतनी आसान नहीं थी. लेकिन पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और पूर्व सांसद/पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह की राजनीतिक सूझबूझ और रणनीति ने आखिर इतिहास रच दिया है.

वीरेंद्र यादव, सपा विधायक जंगीपुर, गाजीपुर

लाखों समाजवादियों की हुई जीत

ये जीत सिर्फ लाल बिहारी यादव या फिर आशुतोष सिन्हा की नहीं है बल्कि उन हजारों और लाखों कार्यकर्ताओं की है जिन्होंने इस चुनाव में पूरी शिद्दत के साथ मेहनत की और चुनावी युद्ध को जीत में तब्दील कर दिखाया. पूर्वांचल में इस बदलाव के परिणाम ने हर समाजवादी का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है.

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जीत की खुशखबरी के साथ मिलने आना नहीं तो मत आना- सपा प्रमुख

akhilesh yadavसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के मुताबिक, जब भी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता सपा  प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने पहुंचते थे तो अखिलेश यादव सिर्फ एक ही बात कहते थे कि, ये दोनों सीटें आप जीतकर खुशखबरी देने आना नहीं तो मिलने मत आना. सपा  मुखिया की इन बातों को कार्यकर्ताओं ने सिर-माथे पर लिया और दोनों सीटों को जीतकर समाजवादी पार्टी की झोली में डाल दी.

पूर्वांचल में जगाई चुनावी अलख

वाराणसी समेत आठों जिले जिसमें चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, जौनपुर, बलिया, भदोही के उन तमाम कद्दावर और वरिष्ठ नेताओं ने इस चुनाव में कार्यकर्ताओं के अंदर नई जान डालने का काम किया जिसने परिणामों को जीत में बदल दिया.

कार्यकर्ताओं के साथ स्थापित किया समन्वय

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने इस चुनावी अभियान में कार्यकर्ताओं से सीधे  संवाद स्थापित रखा. इस बीच छोटे कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ समाजवादी नेताओं तक समन्वय बरकरार रखते हुए पीएम मोदी के किले को भेद दिया. इस लक्ष्य को पाने के लिए पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव  और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने इन आठों जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठक करके, फोन के जरिए लोगों से संवाद किया और उनके बीच जाकर उत्साहित किया जिसने कार्यकर्ताओं के अंदर एक नई ऊर्जा को जन्म दिया और उन्होंने इस ऊर्जा को जीत में बदल देने की शपथ ली. कार्यकर्ताओं और नेताओं की मेहनत ने बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले काशी से दोनों सीटों को समाजवादी के नाम करा दिया.

चुनाव प्रचार में झोंकी ताकत

समाजवादी पार्टी की तरफ से इस चुनाव में जबरदस्त तैयारी देखने को मिली. संगठन ने खास करके उन नेताओं ने जिनके कंधे पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस जिम्मेदारी को सौंप रखी थी उन्होंने बूथ लेवल से लेकर वोटर बनाने तक और मंडल से लेकर पोलिंग बूथ तक अपनी ताकत झोंक दी समाजवादी पार्टी का जनाधार खड़ा करने के लिए. इसके लिए आठों जिलों में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र यादव जैसे नेताओं ने मतदाताओं के बीच जाकर उनके बीच सम्मेलन करके चुनावी रुख को समाजवादी पार्टी की तरफ मोड़ दिया. कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच अच्छा समन्वय स्थापित करके उन्हें चुनावी रणनीति के बारे में अवगत कराकर मैदान में उतारा और विधानसभाओं में बूथ स्तर पर चुनावी प्रचार को मजबूती दिलाई.

स्नातक एमएलसी चुनाव(MLC elections) और शिक्षक एमएलसी चुनाव में समाजवादी पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में जिन कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई उनमें-

बलिया- नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, नारद राय, राजमंगल यादव, जिलाध्यक्ष, राजन कनौजिया, आनंद यादव, शिक्षक सभा अध्यक्ष, हरेन्द्र सिंह, अशोक यादव, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बेरुवार बारी बलिया, पूर्व विधायक मंजू सिंह, जय प्रकाश अंचल पूर्व विधायक, सुभाष यादव, पूर्व विधायक, राणा प्रताप यादव.

वाराणसी जिले से पूर्व प्रत्याशी लोकसभा वाराणसी शालिनी यादव, पूर्व पार्षद ओमप्रकाश सिंह, पूर्व मंत्री/पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मनोज राय धूपचंडी, जिलाध्यक्ष सुजीत यादव(लक्कड़ पहलवान), आनंद मोहन(गुड्डू यादव), उमेश यादव सदस्य जिला पंचायत, किशन दीक्षित, राजू यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष यादव, महानगर अध्यक्ष युवजन सभा सत्यप्रकाश सोनकर, महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, पूर्व जिला उपाध्यक्ष रामसिंह यादव.

चंदौली- विधायक सकलडीहा प्रभुनाथ यादव, पूर्व सांसद/पूर्व विधायक रामकिशुन यादव, पूर्व प्रवक्ता मनोज यादव (काका), पवन यादव, जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर, नफीस अहमद, जिला महासचिव, परवेज अहमद(जोखू), जिला उपाध्यक्ष, सुदामा यादव जिला सचिव,

गाजीपुर जिले के ओमप्रकाश सिंह पूर्व सांसद/पूर्व कैबिनेट मंत्री, विधायक जंगीपुर वीरेंद्र यादव, रामधारी यादव सपा जिलाध्यक्ष,पूर्व जिलाध्य़क्ष सुदर्शन यादव, पूर्व प्रत्य़ाशी राजेश राय (पप्पू), विधायक प्रतिनिधि सैदपुर आशु दुबे, रविन्द्र यादव,

मिर्जापुर- रोहित शुक्ला(लल्लू), देवी प्रसाद चौधरी, कैलाश चौरसिया पूर्व विधायक, शैलेश पटेल, विधानसभा अध्यक्ष, अभय यादव महासचिव, अरुण पटेल

सोनभद्र- जिलाध्यक्ष विजय यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव, संजय यादव, बब्लू धनगर, पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामबिहारी यादव

जौनपुर- सपा जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव, राजबहादुर यादव जिला पंचायत अध्य़क्ष, जगदीश राय पूर्व मंत्री, लकी यादव विधायक मल्हनी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं पूर्व प्रत्याशी विधानसभा मड़ियाहूं रतनसेन सिंह, बाबा दुबे, आरबी यादव, विकास यादव(सोनू), अरुण यादव

भदोही- पूर्व विधायक जाहिद बेग, जिलाध्यक्ष विकास यादव, धर्मेंद्र यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष युवजन सभा मयंक यादव मुख्य रूप से शामिल रहे. ये वो लोग हैं जिन्होंने स्नातक एमएलसी चुनाव और शिक्षक एमएलसी चुनाव में बीजेपी की नाक के नीचे से दोनों सीटों को निकालकर सपा मुखिया अखिलेश यादव को सौंप दी.

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