सरकार का कर्मचारी विरोधी फार्मूला स्वीकार नहीं – महासंघ

सरकार का कर्मचारी विरोधी फार्मूला स्वीकार नहीं – महासंघ:-
उ0प्र0 चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ की एक बैठक प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में कार्यालय प्रमुख अभियन्ता लो0नि0वि0 प्रागंण स्थित उ0प्र0 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने किया। बैठक में कोरोना काल में सरकार द्वारा सरकार कर्मचारियों के खिलाफ किए जा रहें निर्णय पर नाराजगी जाहिर की गयी।

कहा, सरकार की नीति से कार्मिकों का मोह भंग हो रहा:-
कहा गया कि कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे सरकारी कर्मचारियों के पहले भत्ते काटे गये, डी0ए0 सीज किया गया, 50 वर्ष के बाद जबरन सेवानिवृत्त किये जाने का निर्णय हुआ। अब नई नियुक्ति बन्द कर संविदा कर्मचारियों के रूप में भर्ती होगी, स्थायीकरण 5 वर्ष बाद समीक्षा के उपरान्त किया जायेगा। इससे सरकारी कार्य निश्चित रूप से प्रभावित होगा। सरकार की इस नीति से योग्य कार्मिकों का सरकारी सेवा से मोह भंग हो रहा है। कोरोना काल में राज्य सरकार के कर्मचारियेां के शोषण करने का एक नया तरीका निकाल लिया है।  

चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती शुरू कार्य जाने की मांग:-
सरकार की इस कर्मचारी विरोधी व्यवस्था में सभी सेवा संवर्गो के हित प्रभावित होंगे सरकार का यह कर्मचारी विरोधी फार्मूला स्वीकार नहीं है। इस नीति से चाटुकारिता और भ्रष्टाचार का वह दौर शुरू होगा कि नौकरी बचाने के लिये अधिकारियों के तलवे चाटते-चाटते गुलामी करते-करते आपकी आत्मा मृत प्राय हो जायेगी । सरकार की यह नीति बेरोजगारों के लिए बज्रपात जैसी है।उ0प्र0 में समस्त विभागों में चतुर्थ श्रेणी के लगभग साढ़े चार लाख पद रिक्त हैं, सरकार भर्ती नहीं कर रही है। सरकार को चाहिए कि चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती शुरू करवाए। स्वीकृति पदों को समाप्त करनें की नीति पर तत्काल विराम लगाये तथा कर्मचारी विरोधी नीतियों को समाप्त करे।

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