सरकार ने कहा, मीलॉर्ड ! हमारे हाथ बांधे जा रहे हैं, हमें ये भरोसा मिलना चाहिए कि…

कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत में कहा है कि, कोर्ट सरकार के हाथ बांध रही है, हमें ये भरोसा मिलना चाहिए कि, किसान कमेटी के सामने आएंगे और बातचीत करेंगे.

कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार (Government) ने अदालत में कहा है कि, कोर्ट सरकार के हाथ बांध रही है, हमें ये भरोसा मिलना चाहिए कि, किसान कमेटी के सामने आएंगे और बातचीत करेंगे. वहीं इस बात पर किसान संगठन की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि, किसान के 400 संगठन हैं ऐसे में कमेटी के पास जाना है या नहीं ये फैसला करना पड़ेगा. ये दलील सुनकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ऐसा माहौल कतई ना बनाएं कि, सरकार (Government) के सामने जाएंगे और कमेटी के पास नहीं जाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार (Government) को फटकार लगाते हुए कहा कि, हमारे पास एक भी ऐसी दलील नहीं आई है जिसमें कानून की तारीफ की गई हो. सीजेआई ने कहा कि, हम किसान मामलों के एक्सपर्ट नहीं हैं लेकिन क्या आप इन कानूनों को रोकेंगे या फिर हम कदम उठाएं. हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं लोग ठंड से मर रहे हैं वहां खाने-पीने का कौन ख्याल रख रहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर किसान विरोध कर रहे हैं तो हम चाहते हैं कि, कमेटी उसका समाधान निकाले. हम किसी का खून अपने हाथ पर नहीं लेना चाहते हैं. लेकिन हम किसी को विरोध प्रदर्शन करने से मना भी नहीं कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, हम किसी को आंदोलन करने से नहीं रोक सकते हैं. आप आंदोलन जारी रख सकते हैं, लेकिन हम यह जानना चाहते हैं कि, अगर कानून रुक जाता है तो क्या आप आंदोलन की जगह बदलेंगे जबतक रिपोर्ट ना आए? इसके साथ ही सीजेआई ने कहा कि, अगर कोई बड़ी घटना होती है तो हम सब इसके जिम्मेदार होंगे.

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वहीं किसान महापंचायत की ओर से कोर्ट को बताया गया कि, उन्हें दिल्ली आने से रोका जा रहा है. वह कमेटी के सुझाव का स्वागत करते हैं और प्रदर्शन को शांतिपूर्ण ढंग से जारी रखेंगे. सीजेआई ने कहा कि, प्रदर्शन जैसे चल रहा है चलता रहे. लेकिन हम आप से अपील करते हैं कि, सड़क की जगह किसी और स्थान पर बैठ जाएं. अगर किसी की जान जाती है या फिर संपत्ति को हानि पहुंचती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सीजेआई ने किसान संगठन के वकील से कहा कि, आप प्रदर्शन में बैठे बुजुर्गों और महिलाओं को मेरा संदेश दें और कहें कि, चीफ जस्टिस चाहते हैं कि, आप घर चले जाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार (Government) और पक्षकारों से कुछ नाम देने को कहा है जिससे उन्हें कमेटी में शामिल किया जा सके. हमारे लिए लोगों का हित जरूरी है. अब कमेटी बताएगी कि, कानून लोगों के हित में है या नहीं. इस मामले को कल फिर से सुना जाएगा.

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