सरकारी मदरसों पर सरकार ने चलाया चाबुक, बंद करने के लिए…

असम सरकार ने सरकारी मदरसों को बंद करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने इन मदरसों को बंद करने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश किया है.

असम सरकार(government) ने सरकारी मदरसों को बंद करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार(government) ने इन मदरसों को बंद करने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश किया है. विधेयक में कहा गया है कि, एक अप्रैल 2021 से राज्य के सभी सरकारी मदरसों को बंद करके उन्हें स्कूलों में बदलने के लिए ये कदम उठाया गया है. विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार(government) के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र पहले दिन असम निरसन विधेयक, 2020 को पेश किया.

विधेयक निजी मदरसों पर नियंत्रण और उनको बंद करने के लिए नहीं है

इस विधेयक में दो मौजूदा कानूनों को असम मदरसा शिक्षा(प्रांतीयकरण) कानून, 1995 और असम मदरसा शिक्षा निरस्त करने का प्रस्ताव दिया गया है. हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि, विधेयक निजी मदरसों पर नियंत्रण और उनको बंद करने के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि, विधेयक के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बयान में निजी शब्द गलती से शामिल हो गया है.

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असम मंत्रिमंडल ने 13 दिसंबर को सभी मदरसों को बंद करने के प्रस्ताव को दी थी मंजूरी

बता दें कि, असम मंत्रिमंडल ने 13 दिसंबर को सभी मदरसों और संस्कृत स्कूलों को बंद करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. विधानसभा में लाए गए विधेयक में संस्कृत स्कूलों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है और शिक्षा मंत्री ने भी इस बारे में उल्लेख नहीं किया है. उन्होंने कहा कि, सभी मदरसे उच्च प्राथमिक, उच्च और माध्यमिक स्कूलों में बदले जाएंगे. इसके साथ ही शिक्षक तथा गैर शिक्षम कर्मचारियों के वेतन भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने बताया था कि, असम राज्य में सरकार द्वारा संचालित 610 मदरसे हैं.

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