नाम के फेर में उलझी सरकार
दिल्ली का रास्ता तो उत्तर प्रदेश से होकर जाता है ऐसा शुरूआती दौर से हम सब सुनते और देखते हुए आ रहे हैं। लेकिन दिल्ली का तख्त सौंपने वाला राज्य पहले से और भी बीमार होता जा रहा है। सरकारे कई आई और गई बावजूद इसके किसी भी तरह का परिवर्तन देखने को नही मिल रहा है। लेकिन नई सरकार का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के हाथों में है, जिसको कि जनता के जीवंत मुद्दों से कोई सरोकार नही है। वो भी धर्म के नाम पर विवाद तो कभी रंग के कारण विभेद को लेकर राजीनीति करती रही है। अब इससे भी आगे बढ़कर उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा नेतृत्व ने जिलों का नाम बदलने की एक नई परिपाटी शुरू कर दिया है।
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हालांकि ऐसा कोई पहली बार प्रदेश की राजनीति में नही हो रहा है। बहुजन समाज पार्टी की तरफ से भी नोएडा जिले का नाम गौतमबु्द्धनगर, भदोही का नाम संत रैदास नगर और अंबेडकरनगर जिले को नामित किया गया था। कमोबेश यही हाल अब भाजपा सरकार कर रही है। अपने पुरोधाओं के नाम से वो अब जिलों और मुहल्लों का नाम बदलने की कोशिशें कर रही है, जिसमे मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तो वहीं फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद प्रयागराज बन गया।
अब गाज़ीपुर का प्राचीन नाम गाधिपुरी करने की तैयारी में है योगी सरकार। हालांकि, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से गाजीपुर जिले का नाम बदलने की मांग की है,वही गाज़ीपुर को गाधिपुरी करने को लेकर डिप्टी सीएम को सौंपा गया है पत्र, बता दे, बीजेपी प्रदेश सह मीडिया संपर्क प्रमुख नवीन श्रीवास्तव ने मांग कर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र सौंपा।
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