सुविधाहीन’ निचलौल का सरकारी अस्पताल: मरीजों को नहीं मिल रही चादर, बिना चादर सोने को मजबूर मरीज
निचलौल अस्पताल में मरीजों के लिए चादर कंबल सर्दी के मौसम में उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है इमरजेंसी वार्ड में 3 बेड 9 चादर की व्यवस्था है।
महराजगंज : निचलौल अस्पताल में यदि किसी को भर्ती होकर इलाज कराना है तो घर से चादर लानी होगी बेड पर बिछाने के लिए अस्पताल की ओर से चादर नहीं मिलती है अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिकतर मरीज घर से चादर लाते हैं जो नहीं लाते उन्हें बिना चादर के पेट पर लेटना पड़ता है सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों में मरीजों को तमाम सुविधाएं देने की बात कहती हो। लेकिन निचलौल के सरकारी अस्पताल में भर्ती होने आए मरीजों को बेड पर चादर तक नहीं मिलती है। निचलौल अस्पताल में मरीजों के लिए चादर कंबल सर्दी के मौसम में उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है इमरजेंसी वार्ड में 3 बेड 9 चादर की व्यवस्था है।
अस्पताल की तरफ से नहीं मिलती चादर
और महिला अस्पताल में 30 बेड का 90 चादर की व्यवस्था है हकीकत यह है कि निचलौल अस्पताल की ओर से शायद ही किसी मरीज की चादर मिलती है वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए प्रतिदिन धुली चादर देने की व्यवस्था है नियमानुसार प्रत्येक सुबह मरीजों के बेड की चादर बदलनी चाहिए लेकिन निचलौल अस्पताल में ऐसा शायद किसी दिन होता है सोमवार पड़ताल के दौरान अधिकतर बेड पर अस्पताल में चादर नजर नहीं आई मरीजों का कहना है कि उन्हें अस्पताल की ओर से चादर नहीं मिलती है रेक्सीन के बेड पर गर्मी में बिना चादर के परेशानी हो रही है अधिकतर मरीजों ने खुद ही चादर की व्यवस्था की हुई थी।
हॉस्पिटल अधीक्षक का नहीं उठता फोन
निचलौल अस्पताल में 30 मिनट के लिए 90 चादर की व्यवस्था होने का दावा किया जाता है चादर के इस्तेमाल पर उसकी धुलाई की भी व्यवस्था है बताया जाता है कि छात्रों की धुलाई पर साल में लाखो रुपए खर्च होते हैं अस्पताल में चादर इस्तेमाल ही नहीं की जाती है तो धुलाई किसकी होती है यदि छात्रों की धुलाई नहीं होती तो पैसे किस पद में खर्च होते हैं इस संबंध में निचलौल अधीक्षक से बात करने की कोशिश किया गया तो हॉस्पिटल अधीक्षक का फोन नहीं उठा और न तो मिले यह है अस्पताल अधीक्षक का हाल।
रिपोर्ट-अशफाक खान
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