सरकार के दावे अपराधियों पर सख्त लेकिन अधिकारियों के नरम क्यों?

योगी सरकार अपराधियों पर सख्त और कार्रवाई करने के बड़े-बड़े दावे कर रही है। महिलाओं पर होने वाले अपराधों के लिए विषय में भी योगी सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है। मगर इनके थानों में बैठे अफसर किस कदर कार्यवाही कर रहे हैं। इनका रवैया आपको देखने के बाद हैरत होगी।

मामला बलरामपुर जिले के कोतवाली उतरौला का है। जहां एक सरफिरे के घर पर बिजली का काम ना करने पर बिजली से चलने वाले उपकरणों की मरम्मत करने वाले मिस्त्री पर नाराज होकर तेजाब फेंक दिया जाता है। जिससे मिस्त्री की आंख और चेहरा काफी झुलस जाता है। तेजाब पढ़ने से दर्द से चिल्लाने और हल्ला मचाने से गांव के लोग इकट्ठा हो जाते हैं।

पुलिस को सूचना दी जाती है। मुकदमा लिखा जाता है, कोतवाली उतरौला में । मगर पुलिस की ज्यादती कहे, या मजबूरी, या फिर दबाव पता नहीं क्या था। कि पीड़ित के ऊपर भी मुकदमा लिख दिया गया । उतरौला पुलिस दबाव में अपराधियों के हौसले को बढ़ावा दे रही है।

यह कौन सी मजबूरी थी जो उतरौला पुलिस की जो पीड़ित पर ही मुकदमा लिखने पर मजबूर हो गई । यह बात अब तक समझ नहीं आ रहा है। यहां योगी सरकार की हनक अपराधियों पर कड़क नहीं, नरम नजर आ रही है।

वहीं दूसरी घटना भी कोतवाली उतरौला क्षेत्र की ही है। जहां पर एक लड़की का फोटो खींचकर गांव के ही एक युवक द्वारा अश्लील पिक्चर पर फोटो लगाकर वायरल करने की धमकी देकर। कई फोटो जबरदस्ती दबाव बनाकर अपने साथ खींचकर, लड़की पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाता है। ऐसा न करने पर फोटो और अश्लील वीडियो पर फोटो लगाकर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना चाहता है। लड़की जब तंग आकर अपने परिजनों से पूरी बात बता देती है।

तो वह जबरदस्ती दबाव बनाकर अपने साथ खींचे हुए फोटो को फेसबुक पर लगाकर वायरल करता है। जब परिजन इसकी सूचना कोतवाली उतरौला में देते हैं। तो वह युवक फेसबुक से फोटो डिलीट कर देता है। पीड़ित परिवार कई दिनों से न्याय के लिए चक्कर काट रहा है।

मगर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । अब देखना यह है कि सरकार के दावे अपराधियों पर सख्त लेकिन अधिकारियों के नरम क्यों हैं। महिला न्याय के लिए कोतवाली के चक्कर काट रही है। तेजाब पीड़ित पर ही मुकदमा लिखा जा रहा है। आखिर क्या इस मामले में कोई कार्रवाई होगी या फिर दावे और हकीकत अलग-अलग दिखाई देंगे।

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