सपा के ‘सैफई महोत्सव’ पर हल्ला मचाने वाले योगी करा रहे हैं ‘गोरखपुर महोत्सव’

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के 'सैफई महोत्सव' (Saifai Mahotsava) को लेकर हमेशा हमलवार रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार कोरोना (Corona) संकट के बीच 'गोरखपुर महोत्सव' (Gorakhpur Mahotsava) का आयोजन कर रही है।

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के ‘सैफई महोत्सव’ (Saifai Mahotsav) को लेकर हमेशा हमलवार रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार कोरोना (Corona) संकट के बीच ‘गोरखपुर महोत्सव’ (Gorakhpur Mahotsav) का आयोजन कर रही है। प्रदेश में महामारी के बढ़ते खतरे और ठंड के कहर के बीच गोरखपुर महोत्सव का आयोजन राज्य की योगी सरकार पर कई सवाल खड़े कर रही है।

दो दिवसीय गोरखपुर महोत्सव का आयोजन

बता दें कि 12 जनवरी 2021 यानी मंगलवार से शुरू हुए गोरखपुर महोत्सव (Gorakhpur Mahotsav) का आज (बुधवार) दूसरा दिन है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आज ही समापन हुआ, जिसके समापन कार्यक्रम में सीएम योगी शामिल हुए। हालांकि, पहले यह कार्यक्रम तीन दिन चलता था, लेकिन कोरोना की वजह से इस साल यह महोत्सव दो दिन के लिए आयोजित हुआ।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में आयोजित गोरखपुर महोत्सव (Gorakhpur Mahotsav) के मंच स्थानीय कलाकारों की अपनी प्रस्तुतियां पेश कीं। दो दिवसीय इस महोत्सव में दिन में फरूआही नृत्य और शाम से रात तक राष्ट्रीय स्तर के स्थानीय कलाकारों की ओर से सबरंग, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की तरफ से बधाई नौरता नृत्य, गोरखपुर सांसद रविकिशन शुक्ला के लोकप्रिय आवाज में कविता पाठ किया गया।

सैफई महोत्सव से मिलता है लोगों को रोजगार

वहीं, सैफई महोत्सव को लेकर भाजपा लगातार आलोचना करती आई है, जबकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुताबिक, सैफई महोत्सव के आयोजन से स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है। उन्होंने कहा कि सैफई महोत्सव पर खर्च होने वाले धन को आयोजन के लिए गठित समिति स्थानीय लोगों की मदद से जुटाती है।

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गोरखपुर महोत्सव पर उठ रहे सवाल…

कोरोना संकट के बीच देश के सबसे बड़े राज्‍य उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लाख दावे कर रही हो, लेकिन हर रोज कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। हर रोज कोरोना से संक्रमित मरीजों के कुल आंकड़ों में इजाफा हो रहा है। बता दें कि मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण के 511 नये मामले सामने आए, जिसके बाद संक्रमितों की कुल संख्‍या बढ़कर 5,94,175 हो गई है। इसकी जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि कोविड संक्रमण से अब तक कुल 8,514 लोगों की मौत हो चुकी है।

ऐसे में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में आयोजित किया गया ‘गोरखपुर महोत्सव’ (Gorakhpur Mahotsav) प्रदेश में लोगों की जिंदगी को दांव पर लगा रहा है। यदि इस महोत्सव में शामिल होने वाला एक भी शख्स कोरोना संक्रमित होता है, तो महोत्सव के कई लोग संक्रमित हो सकते हैं, जो एक कोरोना बम से कम नहीं होगा। ऐसे में बड़ा सवाल है कि तबलीगी जमात का विरोध करने वाली बीजेपी सरकार गोरखपुर महोत्सव को कैसे सही ठहरा सकती हैं?

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किसान आंदोलन के बीच ‘गोरखपुर महोत्सव’ का अस्तित्व

वहीं, केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा समेत देशभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश के अन्नदाता भी शामिल हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि यूपी की कमान संभालने के बाद से हर क्षेत्र में रिकार्ड बनाने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का किसानों की समस्याएं सुनने के बजाए गोरखपुर महोत्सव (Gorakhpur Mahotsav) आयोजित करना कहां तक सही है? हालांकि, आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए सियासत के रास्ते तलाश रही है।

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