अच्छी खबर : अब इस कम्पनी की दवा से एक खुराक़ में ठीक हो जाएगा Corona….

कोरोना वायरस महामारी से बचने का विकल्प पूरी दुनिया ढूंढ रही है, अब इस श्रंखला में एक नाम शामिल हो गया है जॉनसन एंड जॉनसन का. जी हां इस कंपनी ने ऐलान किया है कि उन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल्स के आखिरी चरण की शुरुआत कर दी है.

आपको बता दें कि यहां सबसे खास बात ये है कि जॉनसन एंड जॉनसन अमेरिका में वैक्सीन निर्माण कर रही तीसरी कंपनी है.

हालांकि, आपको जानकारी के लिए बता दें कि ये कंपनी दूसरे वैक्सीन निर्माताओं से कुछ महीने पीछे चल रही है, लेकिन इसने अपने क्लीनिकल ट्रायल्स में 60 हजार लोगों को शामिल किया है. इस कंपनी के मुताबिक, साल 2020 के अंत तक यह बताया जा सकेगा कि ये वैक्सीन काम करेगी या नहीं.

आपको बता दें कि इस कंपनी कोरोना वैक्सीन बनाने में एक ऐसी तकनीकि का इस्तेमाल किया है, जिससे ये दूसरी बीमारियों से भी लड़ने में बेहतरीन रही है. इस वैक्सीन की सबसे बड़ी खासियत ये होगी की रोगी को ये एक ही डोज में पूरी तरह से ठीक कर देगी.

इसके अलावा इस वैक्सीन को फ्रीज में रखने की जरूरत भी नहीं होगी ताकि रोगी को अगर उसके घर पर वैक्सीन देनी हो तो आपको फ्रीजर का इंतजाम करना पड़े. आपको बता दें कि इससे ज्यादा तेजी से इतिहास में कभी भी वैक्सीन टेस्टिंग निर्माण नहीं हुआ है जॉनसन एंड जॉनसन के पीछे सैनोफी नोवा वैक्स भी वैक्सीन डेवलप करने में लगी हुई हैं. इनके भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.

एक से ज्यादा कंपनी को वैक्सीन निर्माण की जरूरत होगी

बेथ इजरायल डिकोनेस मेडिकल सेंटर में वॉयरोलॉजिस्ट डॉक्टर डेन बरूच ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, हमें सिर्फ एक वैक्सीन के निर्माण को सफलता के रूप में नहीं देखना चाहिए. दुनिया की कंपनियों को भी इस वैक्सीन के निर्माण में आगे आना चाहिए ताकि जल्दी से जल्दी ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन का प्रोड्क्शन हो सके लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके. दुनिया में 700 करोड़ लोग हैं कोई भी एक अकेला वैक्सीन निर्माता इतने बड़े स्तर पर वैक्सीन प्रोड्यूस नहीं कर सकेगा.

जानिए इस वैक्सीन में क्या है खास?

कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया है. इसके बाद सेल कोरोनावायरस प्रोटीन्स बनाता है, न कि कोरोनावायरस. यही प्रोटीन बाद में वायरस से लड़ने में इम्यून सिस्टम की मदद करते हैं. एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, लेकिन इसे फ्रीज में रखने की कोई जरूरत नहीं है.

जानिए एक ही डोज कैसे होगा फायदेमंद?

जॉनसन एंड जॉनसन ने इस वैक्सीन का इस्तेमाल सबसे पहले जानवरों पर किया वहां उन्हें वैक्सीन में बेहतर नतीजे मिले जिसके बाद कंपनी ने लोगों पर छोटी-छोटी स्टडीज करना शुरू की. डॉक्टर स्टॉफल ने कहा कि 395 लोगों के एनालिसिस में कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स नजर नहीं आए.

स्टॉफल ने मीडिया से वैक्सीन के बारे में बातचीत करते हुए बताया कि, इतना ही नहीं इन लोगों में एक डोज के बाद ही अच्छी मात्रा एंटीबॉडीज तैयार कर दी है, लोगों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए सिंगल डोज काफी हो सकता है.

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