जल्दी निपटा लें जरूरी काम, लगातार चार दिन बंद रहेंगे बैंक, जानें वजह

अगर आप आगामी बैंक से संबंधित कुछ जरूरी काम निपटाना चाहते हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। आज से चार दिन के लिए बैंक बंद रहने वाले हैं

अगर आप आगामी बैंक से संबंधित कुछ जरूरी काम निपटाना चाहते हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। आज से चार दिन के लिए बैंक बंद रहने वाले हैं। दरअसल Bank Strike ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए), बैंक एम्प्लॉयज फेडरेशन ऑफ इंडिया(बीईएफआई) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) 28 और 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल पर जाने वाले हैं। लेकिन आपको बता दें इससे पहले 26 मार्च यानि आज चौथा शनिवार और 27 मार्च को रविवार होने से बैंक बंद रहेंगे। जिसके चलते आपके काम अटक सकते हैं। आपको बता दें अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंको द्वारा ये हड़ताल की जा रही है। साथ ही बैंकों के निजीकरण और बैंक कानून संसोधन विधेयक 2021 के विरोध को लेकर इसका आव्हान किया गया है। एसबीआई के अनुसार भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने उसे इस बारे में सूचित किया।

आपको बता दें Bank Strike देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई द्वारा मंगलवार को ये जानकारी दी गई कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 28-29 मार्च यानि दो दिन की हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है। जिसके चलते बैंक सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंक कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में इस हड़ताल का आव्हान किया जा रहा है।

भारतीय स्टेट बैंक ने बैंकों की होने वाली हड़ताल के बारे में शेयर बाजार को दी सूचना दी है जानकारी देते हुए बैंक ने कहा कि ‘‘बैंक ने हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की है, लेकिन यह आशंका है कि हड़ताल से बैंक में कामकाज कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है।’’

वही अगर हड़ताल की मुख्य वजहों की बात करें तो बैंक एसोसिएशन का कहना है की बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लिया जाए, एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, पांच दिन का बैंकिंग सप्ताह शुरू हो, पेंशन अपडेशन, एलआईसी और बैंक के बीच महंगाई भत्ते की दर में समानता हो , आउट सोर्सिंग बंद कर नई भर्ती होनी चाहिए , ग्रामीण बैंक का प्रयोजक व्यावसायिक बैंक में विलय तथा श्रम कानून संशोधन विधेयक की वापसी सहित अन्य मांगें शामिल हैं।

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