कन्नौज : 1.20 करोड़ की लागत से बनी गौशाला निराश्रित मवेशियों की बनी कब्रगाह

शासन के निर्देश पर निराश्रित मवेशियों के लिए जिले में कई गौशालाएं बनाई गई है। जिसके लिए सरकार ने अच्छी खासी रकम भी खर्च की है।

शासन के निर्देश पर निराश्रित मवेशियों के लिए जिले में कई गौशालाएं बनाई गई है। जिसके लिए सरकार ने अच्छी खासी रकम भी खर्च की है। लेकिन गौशालाओं की देखरेख न होने की वजह से रोजाना मवेशियों के मरने की बात सामने आ रही है। साथ ही दर्जनों मवेशी भूख प्यास से मरने की कगार पर है। जलालबाद ब्लॉक खंड के जसपुरापुर सरैया गांव में स्थित करीब 1।20 करोड़ की लागत से बने वृद्ध गौ संरक्षण केंद्र की हालत दयनीय है। यहां पर रोजाना गौवंशों की मरने की बात सामने आ रही है। एक सप्ताह में ही सात से ज्यादा गौवंश व गाय मौत के आगोश में समा चुकी है। ग्रामीणों के मुताबिक जो जानवर मर जाते है ग्राम प्रधान बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए बगैर ही नाला में फेंकवा देते है। गौशाला में कई गौवंशों की आंखे फूट गई है। 10 से 12 मवेशी अभी मरणासन्न की स्थिति में है।

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दरअसल जलालबाद ब्लॉक खंड के जसपुरापुर सरैया गांव में शासन ने करीब 1.20 करोड़ की लागत से वृद्ध गौ संरक्षण केंद्र बनवाया था। गौशाला में करीब 170 मवेशी मौजूद है। इस गौशाला की देखरेख की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान ज्योति प्रकाश मिश्रा को सौंपा गई थी। लेकिन ग्राम प्रधान की लापरवाही व देख रेख न होने की वजह से यहां मौजूद मवेशी भूख प्यास या फिर बीमारी से दम तोड़ रहे है। गौशाला की स्थिति यह है कि अधिकांश मवेशी कमजोर हालत में है। कई गौवंशों की आंखे फूटी हुई है। उठने में असमर्थ होने पर उनको उठाकर किनारे डाल दिया जाता है। गौवंश तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे है। ग्राम प्रधान की दबंगई के आगे ग्रामीण गांव की गौशाला की दुर्दशा को लेकर शिकायत नहीं कर पाते है। जिसके चलते प्रशासन भी बेखबर है।

ग्रामीण ने गौशाला को दिए 25 हजार रुपए
गौशाला में भूख प्यास से तड़पकर गायों की मौत होते देख गांव के ही विमल बाजपेई से रहा नहीं गया, तो 25 हजार रुपए गौशाला को दान कर दिए। जिसके बाद युवाओं ने गायों के लिए 1 क्वितंल गुड़, चोकर व दाना की व्यवस्था की। जिसके बाद युवाओं की टीम सुबह शाम गौशाला जाकर मवेशियों को चारा पानी कर देखभाल कर रही है। साथ ही सर्दी से बचाने के लिए 200 झाल भी गौशाला को दी गई है।

ग्रामीण बोले, रोजाना दम तोड़ रही गाय, विवरण रजिस्टर गायब
ग्रामीणों ने बताया कि गौशाला की स्थिति दयनीय है। रोजाना गाय दम तोड़ रही है। ग्राम प्रधान शवों को उठवाकर दूर नाला में डलवा देते है। साथ ही गौशाला का विवरण रजिस्टर भी गायब है। अधिकांश मवेशियों के टैग तक नहां लगा है।

सात माह से नहीं मिला गौशाला का रुपए
ग्राम प्रधान ज्योति मिश्रा ने बताया कि सर्दी की वजह से बूढ़ी जर्जर गाय दम तोड़ रही है। मवेशियो की देखरेख के लिए प्रति जानवर 30 रुपए मिलता है। वह भी करीब सात माह से नहीं मिला है। मवेशियों की मौत की असल वजह पूछने पर ग्राम प्रधान कन्नी काटते नजर आए।

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