लखनऊ : गांधी जयन्ती को मनाया जाएगा ‘संकल्प दिवस’

पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष का संकल्प लेगें कर्मचारी

लखनऊ।  अटेवा संगठन द्वारा पूरे भारत मे निजीकरण व नयी पेंशन व्यवस्था के खिलाफ लगातार संघर्ष करता आ रहा है। अटेवा का मानना है कि निजीकरण पूंजीपतियों के षडयंत्र है जो भारत के निम्न व मध्यम वर्ग के खिलाफ है और उनके शोषण का एक तंत्र है। समय-समय पर अटेवा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपना विरोध जताता रहा है।

इसी क्रम में आगामी 2 अक्टूबर 2020 को गाँधी जयन्ती के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के पद चिन्हों का अनुसरण करते हुए, अटेवा के कार्यकर्ता आम जनमानस को शामिल करते हुए अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने का संकल्प लेंगे।

2 अक्टूबर को 60 लाख से अधिक कर्मचारी यह संकल्प लेंगे जो भी शोषणकारी व्यवस्था सरकार द्वारा लायी जा रही है, चाहे वह निजीकरण हो अथवा नयी पेंशन व्यवस्था हो, उसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा, इन दमनकारी व्यवस्थाओं का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा। यह भी संकल्प लेंगे कि जब तक ओपीएस बहाल नहीं हो जाती और निजीकरण पर रोक नहीं लगती है तब तक संघर्ष अनवरत जारी रहेगा।

निजीकरण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने का निर्णय

अटेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने बताया कि अटेवा ने निजीकरण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने का निर्णय लिया है क्योंकि यह दोनों व्यवस्थाएँ एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। इससे आम कर्मचारियों और आम जनता का शोषण होगा, इसलिए 2 अक्टूबर को संघर्ष के प्रतिमान महात्मा गांधी जी की जयंती पर हम सब मिलकर यह संकल्प लेंगे की दमनकारी और शोषणकारी व्यवस्थाओं के खिलाफ हमेशा लड़ेंगे किसी भी कीमत पर इन गरीब व मध्यम वर्ग विरोधी इन व्यवस्थाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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