धांधली! बायोमैट्रिक क्लोनिंग कर लोगों के बैंक खातों से उड़ाए लाखों रुपए
आजमगढ़। स्पाई कैमरा से अंगूठे की छाप ले, बायोमैट्रिक क्लोनिंग कर लोगों के बैंक खातों से लाखों उड़ाने वाले दो चढ़े हत्थे, उपकरण बरामद, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर समेत अन्य जिलों में नेटवर्क। ग्राहक सेवा केन्द्रो पर जाकर स्पाई कैमरा से लोगो के अंगूठे की छाप लेकर उसकी बायोमैट्रिक क्लोनिंग कर AEPS के माध्यम से बैंक खातों से लाखो रुपये निकालने वाले 02 शातिर साइबर अपराधी आजमगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। उनके कब्जे से बने हुए क्लोन फिंगर प्रिन्ट एंव फिंगर प्रिन्ट बनाने के उपकरण बरामद हुए।
पुलिस को मनोज कुमार सोनकर निवासी चालाकपुर थाना रौनापार ने साइबर क्राइम थाना में सूचना दिया कि उसके ICICI बैंक खाते से किसी ने आधार कार्ड से फर्जी अंगूठा लगाकर कुल 1 लाख 77 हजार रु निकाल लिए है। पुलिस की जांच में प्रकाश में आये मोबाइल नंबर से संबंधित जालसाज की जांच की गई। सूचना मिली कि वह उकारा गाँव में पूर्वाचल एक्सप्रेस वे के आस पास मौजूद है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी कि बुलेट बाइक से दो व्यक्ति टीम को देखकर भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन घेरकर दोनो व्यक्तियो को पकड़ लिया गया।
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एक ने अपना नाम मनोज सरोज पुत्र सवधू सरोज उम्र करीब 29 वर्ष निवास पटवध कौतूक थाना बिलरियागंज बताया जिसके पास एक फिंगर स्कैनर मशीन तथा कुल 8 पीले रंग की पालीथिन जिसमें कुछ व्यक्तियों के बनाये हुए फिंगर क्लोन, आधार नं. लिखी पर्ची है। दूसरे ने अपना नाम उमेश सरोज पुत्र चन्द्रदेव सरोज उम्र करीब 22 वर्ष निवासी पटवध कौतुक थाना बिलरियागंज बताया। मनोज के पास से बरामद विनोद कुमार के आधार कार्ड व पैन कार्ड की जाँच की गयी तो पाया कि पीड़ित का पैसा विनोद कुमार के आईडी से बनाई गई CSP( निट्स पे वैलेट) में स्थानान्तरित हुआ है।
पूछताछ में बताया कि वे लोग फिंगर क्लोनिग करते है तथा उसकी सहायता से निट्स पे वैलेट के माध्यम से लोगो के खातो से बिना उनकी जानकारी के पैसे धोखाधडी करके ट्रान्सफर कर लेते है। यू ट्यूब से बायोमेट्रिक क्लोनिग करने के बारे में विडियो देखकर साइबर ठगी करते है। यह स्पाई कैमरा एंव मोबाइल फ़ोन के जरिये ग्राहक सेवा केन्द्रों में जाकर लोगो के रजिस्टर में लगे अंगूठे का फोटो खिंच लेते थे व तहसीलों में जमा स्टाम्प पेपर से उनके अंगूठे का निशान आधार कार्ड एवं अन्य डिटेल ले लेते है। फिर उसी अंगूठे की निशान को बटर पेपर पर स्कैन कर लेते है।
उसके बाद बटर पेपर को रबर पर रखकर थंब इम्प्रेशन मशीन के माध्यम से इम्प्रेश करते है जिससे उस अंगूठे का निशान रबर या पॉलीमर पर आ जाता है और उस व्यक्ति के अंगूठे का क्लोन फिंगरप्रिंट तैयार हो जाता है। उसके बाद AEPS बैंकिंग आईडी (निट्स पे) से क्लोन फिंगरप्रिंट के माध्यम से आधार कार्ड से लिंक बैंक खातो से रुपये निकाल लेते हैं। ऐसे ही कई लोगो का फिंगरप्रिंट का क्लोन बनाकर बैंकिंग धोखाधड़ी कर आर्थिक लाभ कमाते हैं। बैंकिंग सॉफ्टवेर से अपनी पहचान छुपाने के लिए कैटरेक्ट लेंस का प्रयोग करते थे, जिससे आंख के रेटिना स्कैन करके ओरोजिनल आधार कार्ड लिंक न हो पाए। बैंकिंग आईडी में हम फर्जी लोगो के आधार कार्ड इस्तेमाल करते है। हम यह अपराध जनपद आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर व अन्य जिलो में बुलेट से घूम घूम कर अंजाम देते है। अब तक करीब 12 लाख का धोखाधड़ी कर चुके है तथा 50 से अधिक क्लोन भी किये गये है जिनकी जाँच की जा रही है।
रिपोर्टर – अमन गुप्ता
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