कादीपुर में टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा ‘बोले बगावती सुर’

सुल्तानपुर में टिकट कटते ही कादीपुर के पूर्व विधायक ने पार्टी से घोषित प्रत्याशी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया।

बीजेपी से सत्ता छीनने की लड़ाई लड़ रही समाजवादी पार्टी को ले डूबने के लिए उसके अपने ही काफी है। यहाँ सुल्तानपुर में टिकट कटते ही कादीपुर के पूर्व विधायक ने पार्टी से घोषित प्रत्याशी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी ने पार्टी प्रत्याशी भगेलू राम को टिकट देने पर कहा कि अभी उनको आए दो महीने भी नहीं हुआ और उनको कादीपुर विधानसभा से टिकट दे दिया गया।

बताते चलें कि एक वीडियो जारी करते हुए पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी ने आगे कहा है कि भगेलू राम बसपा से आये हुए हैं ये चुनाव हार जाएंगे क्योंकि जनता में इनके प्रति बड़ा आक्रोश है। इस आक्रोश को देखते हुए जितने दावेदार हैं एकजुट होकर अखिलेश यादव से मिलने जा रहे हैं,उनका कहना है कि जितने और दावेदार हैं उनमें से किसी को टिकट दे दिया जाए तो हम लोग मिलकर के उसे जिताने का काम करेंगे।

तो वहीं भगेलू राम बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे हैं,वो तीन बार के विधायक रहे हैं,सबसे पहले विधानसभा चुनाव 1993 फिर 2002 और 2007 में बसपा के टिकट पर विधायक रहे हैं। 2012 और 2017 के वो रनर रहे। लेकिन 2017 में मोदी लहर के बाद भी उन्हें 60 हजार मत मिले। इस चुनाव में पूर्व विधायक रामचंद्र चौधरी ने बेटे अंगद चौधरी को कांग्रेस से टिकट दिलाया था जोकी हार गए थे। जबकि स्वयं रामचंद्र चौधरी 1991 में भाजपा में रहकर विधायक बने थे,1993 में भाजपा में रहते हुए उन्हें भगेलू राम ने परास्त कर दिया था।

 

आजादी के बाद से कादीपुर सीट कभी सामान्य नहीं हुई-

 

साथ ही साथ अवगत कराते चले कि आजादी के बाद से कादीपुर सीट कभी सामान्य नहीं हुई। 1957 से पूर्व यह संयुक्त विधानसभा हुआ करती थी। यहां के मतदाता दो विधायक चुनते थे,एक अनुसूचित और एक सामान्य वर्ग से इसके बाद सीट सुरक्षित घोषित की हुई, तब से अब तक यह सिलसिला चला आ रहा है।

1952 से 1989 तक 12 बार हुए चुनाव में 11 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की,1977 की लहर में सीट जनता पार्टी के पाले में चली गई। 1991 के चुनाव में रामलहर के चलते भाजपा ने परचम लहराया। 1993 में बसपा,1996 में भाजपा और 2002 व 2007 के चुनाव में बसपा ने बाजी मारी तो 2012 में पहली बार सपा ने जीत दर्ज की। 2017 में राजेश गौतम ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए एक बार फिर से विजय पताका लहराते हुए जीत दर्ज की।

रिपोर्ट – संतोष पण्डेय सुल्तानपुर

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