मथुरा : तस्करों से बचाए गए पांच भालुओं ने पूरा किया आज़ादी का पहला वर्ष…
2019 में, भारत-नेपाल सीमा के पास वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा प्रदान की गई खुफिया जानकारी के आधार पर झारखंड वन विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाये गए एंटी पोचिंग अभियान में वन्यजीव तस्करों से पांच जीवित स्लॉथ भालू को पकड़ा गया था l
2019 में, भारत-नेपाल सीमा के पास वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा प्रदान की गई खुफिया जानकारी के आधार पर झारखंड वन विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चलाये गए एंटी पोचिंग अभियान में वन्यजीव तस्करों से पांच जीवित स्लॉथ भालू को पकड़ा गया था l आज, वह भालू आगरा स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस के दुनिया के सबसे बड़े भालू संरक्षण केंद्र में आज़ादी का एक वर्ष पूरा कर चुके हैं। इस विशेष दिन को मनाने के लिए, केंद्र में पशु देखभाल कर्मचारियों ने भालुओं के लिए उनके मनपसंद फलों की दावत का आयोजन किया !
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पांच स्लॉथ भालू भारत-नेपाल सीमा क्षेत्रों से वन्यजीव तस्करों द्वारा झारखंड के देवगढ़ जिले में लाए गए थे। अपराधी इन जानवरों को अन्य बिचौलियों को बेचने की योजना बना रहे थे। भालू पित्त, पित्ताशय और अन्य शरीर के अंगों का उपयोग चीनी पारंपरिक दवाओं में किया जाता है और इसी कारणवर्ष यह भालू शिकारियों के निशाने पर रहते हैं। अधिकारियों द्वारा इन भालुओं को वक़्त रहते सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया, जिससे वह जीवन भर की बुरी यातनाओं से भी बच गए।
झारखंड और उत्तर प्रदेश वन विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन से औपचारिक आदेशों के बाद, भालूओं को आगरा स्थित 165 एकड़ में फैले भालू संरक्षण केंद्र में स्थानांतरित किया गया। उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा संचालित इस प्रजाति के लिए यह दुनिया का सबसे बड़ा भालू संरक्षण केंद्र है।
भालूओं के नाम बच्चों की पुस्तक श्रृंखला में लोकप्रिय ‘हैरी पॉटर’ के वीज़ली परिवार के नाम पर रखा गया है। 3 से 11 साल के बीच की आयु वाले इस समूह में, आर्थर और मौली समूह के वृद्ध भालू हैं, जबकि रॉन, जिन्नी और चार्ली आयु में काफी छोटे हैं।
पिछले एक वर्ष में, भालूओं ने उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है और केंद्र में उचित उपचार और देखभाल प्राप्त कर रहे हैं। उनके पास बड़े जंगल स्वरुप बाड़े हैं, जिनमे विभिन्न प्रकार के खेलने योग्य एनरिच्मेंट हैं, जो शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें प्राकृतिक व्यवहार प्रदर्शित करने का मौका देते हैं। पाचों भालुओं की आज़ादी की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए, केंद्र में जानवरों की देखभाल करने वाले कर्मचारियों ने उनके लिए एक स्वादिष्ट मनपसंद फलों की दावत का आयोजन किया !
कार्तिक सत्यनारायण, वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ ने कहा, “अधिकारियों द्वारा समय पर हस्तक्षेप से इन भालुओं के जीवन को बचाने में मदद मिली। वे सम्मान और स्वतंत्र जीवन जीने के योग्य हैं l हमारे कर्मचारियों और पशु चिकित्सकों की समर्पित देखभाल के अंतर्गत उन्हें खुश और स्वस्थ देखकर हमें ख़ुशी हैं। ”
वाइल्डलाइफ एसओएस के वेटरनरी सर्विसेज के उप-निदेशक डॉ. एस. इलियाराजा ने कहा, “रेस्क्यू के समय भालू दयनीय स्थिति में थे। उनकी नाज़ुक थूथन को छेद दिया गया और दांतों को तोड़ दिया गया, जिस कारण उन्हें तत्काल उपचार की आवश्यकता थी। यह देख कर हम आश्वस्त है कि हमारे प्रयासों ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव किया है।”
गीता शेषमणि, सचिव और सह-संस्थापक वाइल्डलाइफ एसओएस ने कहा, “पांचो भालू स्वस्थ और काफी तेज़ हैं और नए घर में अपने आप को अच्छी तरह से ढाल चुके हैं। इनको वापस अपने प्राकर्तिक व्यवहार को प्रदर्शित करते देख हमारे दिलों को पूर्ण सुकून मिलता है !
आगरा स्थित भालू संरक्षण केंद्र दुनिया का सबसे बड़ा स्लॉथ भालूओं के लिए पुनर्वास केंद्र है। केंद्र में लगभग 200 स्लॉथ भालू हैं, जो बड़े-बड़े बाड़ों में रहते हैं, जहां वे आजीवन चिकित्सा और देखभाल प्राप्त करते हैं, क्यों की इन्हें वापस जंगल में छोड़ा नहीं जा सकता है। आगरा बेयर रेस्क्यू फैसिलिटी हमारे अंतरराष्ट्रीय साझेदारों इंटरनेशनल एनिमल रेस्क्यू – यू.के, हौसर बेयर और अन्य समर्थकों के सहयोग से चलती है।
report – yogesh
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