फ़िरोज़ाबाद: लाखों रुपए की एक्सरे मशीन बनी ‘शोपीस’
लाखों रुपए की एक्सरे मशीन 9 महीने से बनी है शोपीस रखी है सरकारी क्षय रोग विभाग में बने बन्द कमरे में, अभी तक नही हुई शुरू,मरीजों को होती है काफी परेशानी दूसरे सरकारी हॉस्पिटल,ओर प्राइवेट एक्सरे क्लिनिक पर मरीज करा कर लाते है एक्सरे।
लाखों रुपए की एक्सरे मशीन ( x-ray machine) 9 महीने से शोपीस बनी रखी है। सरकारी क्षय रोग विभाग में बने बन्द कमरे में शोपीस बनी एक्सरे मशीन।अभी तक शुरू नही हुई। मरीजों को काफी परेशानी होती है। दूसरे सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट एक्सरे क्लिनिक पर मरीज एक्सरे कराते है।
फिरोजाबाद के सरकारी क्षय रोग विभाग की कर रहे है
उत्तर प्रदेश सरकार मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर करोड़ो रुपया खर्च कर रही है,लेकिन अगर इसी रुपए से खरीदी हुई मशीन ( x-ray machine) 9 महीने से शोपीस बनी रहे। यह सोचने वाली बात है। दरअसल हम बात फिरोजाबाद के सरकारी क्षय रोग विभाग की कर रहे है, जहां लाखो रुपये से आई एक्सरे मशीन शो पीस बनी हुई है।
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गलती जो ये मशीन चालू नही हो सकी
जिससे मरीजो को प्राइवेट ओर दूसरे सरकारी हॉस्पिटल में एक्सरे कराने जाना पड़ता है,ऐसा मरीजो का कहना है कि ,वन्ही क्षय रोग विभाग के डिप्टी dto डॉ अशोक कुमार की माने तो यह उस कंपनी वालो की ही गलती जो ये मशीन चालू नही हो सकी। मशीन ( x-ray machine) आज भी बंद ताले के अंदर रखी हुई है जब मीडिया वाले पहुंचे तब वहां के कर्मचारी ने ताला खोलकर मशीन को दिखाया जिसके ऊपर चढ़ी पन्नी भी नहीं उतरी थी।
बॉबी मरीज के तीमारदार बताया कि सरकारी हॉस्पिटल क्षय रोग विभाग में दवा लेने आए,यहां एक्स-रे नहीं होते हैं मुझे बाहर से प्राइवेट में एक्सरे करा कर लाना पड़ा है यहां एक्स-रे हो ही नहीं रहे।
9 महीने से परेशान है यहां एक्स-रे नहीं हो रहे
सरोज देवी मरीज के तीमारदार ने बताया कि दूसरे वाले हॉस्पिटल में जाना पड़ता है,हमारा बेटा विकलांग था उसको गोदी में ले ले कर जाना पड़ता है 9 महीने से परेशान है यहां एक्स-रे नहीं हो रहे।
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सुमन महिला मरीज के तीमारदार ने बताया कि बड़े वाले हॉस्पिटल में एक्स-रे कराने जाना पड़ता है,1 घंटे लाइन में लगना पड़ता है, कभी आध घंटे इंतजार करना पड़ता है,मरीज के साथ बैठे रहो दूसरे दिन एक्स-रे की रिपोर्ट मिलती है और यहां नहीं एक्सरे हो रहा है यह लोग बताते भी नहीं।
डॉ अशोक कुमार डिप्टी डीपीओ क्षय रोग विभाग अधिकारी ने बताया इस मशीन को तो शुरू कराया जा सकता है,लेकिन इसका टेक्नीशियन नहीं है,और कुछ इस मशीन के पार्ट्स जो कंपनी वाले अभी तक लेकर नहीं आए इसलिए यह कंपनी वालों की गलती है इसलिए मशीन शुरू नहीं हो सकी है।
रिपोर्ट- बृजेश सिंह राठौर, फिरोजाबाद
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