चुनावों में हार के डर से प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लिया – संजय सिंह
आज मोदी सरकार की तानाशाही और अहंकार का अंत हुआ। उन्हें चुनाव में हार के डर के कारण मजबूर होकर तीनों काला कानून वापस लेना पड़ा। मैं देश के करोड़ों अन्नदाताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देना चाहता हूं। उनके आंदोलन को नमन करना चाहता हूं।
लखनऊ। जिले में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा की आज मोदी सरकार की तानाशाही और अहंकार का अंत हुआ। उन्हें चुनाव में हार के डर के कारण मजबूर होकर तीनों काला कानून वापस लेना पड़ा। मैं देश के करोड़ों अन्नदाताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देना चाहता हूं। उनके आंदोलन को नमन करना चाहता हूं। संजय सिंह (Sanjay Singh) ने आगे कहा की उनके संघर्ष के बदौलत आज ये तीनों काले कानून वापस हुए, लेकिन इसके साथ-साथ यह भी साबित हो गया कि नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार सिर्फ और सिर्फ चुनावजीवी है। आंदोलनजीवी महात्मा गांधी, शहीदे आजम भगत सिंह और बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के देश में आंदोलनजीवी करोड़ों अन्नदाताओं ने अपना हक तो ले लिया, लेकिन इसी के साथ यह साबित हो गया कि नरेन्द्र मोदी जी आप सिर्फ चुनावजीवी हैं और चुनाव में हार के डर से आपने ये तीनों काला कानून वापस ले लिया। ये बातें आप प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर किसान आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं।
सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने कहा कि एक साल तक लंबे संघर्ष, शहादत और कुर्बानी के बाद आखिरकार देश के करोड़ो के अन्नदाताओ के बदौलत मोदी सरकार के अहंकार का अंत हुआ। आज देश के 3 काले कानून वापस हुए हैं। इसके लिए मैं किसानों को बधाई देना चाहता हूं। कहा कि आज मैं प्रधानमंत्री जी को सुन रहा था। उन्होंने कहा कि शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई। मोदी जी आप जितने भोले बनते है उतने है नहीं। बताइए कहा तपस्या कर रहे थे आप। कहां तपस्या में लीन थे, वहां जहां आंसू गैस के गोले गिर रहे थे या वहां जहां कटीले तार से घेरकर किसानों को अपने देश में ही दुश्मन देश के लोगों की तरह रखा जा रहा था। जब किसानों पर लाठियां बरसाईं जा रहीं थीं तब आप किस गुफा में तपस्या में बैठे थे। आपकी तपस्या तब भंग हुई जब आप चुनाव हारने लगे। यूपी, गोवा, उत्तराखंड और पंजाब के चुनाव में हार का डर जब आपको सताने लगा तब आपकी तपस्या भंग हुई। आपको बताना होगा कि आखिर आपने पूरे देश को एक साल तक आंदोलन में क्यों झोंके रखा। आपको आंदोलन में शहीद हुए सैकड़ों किसानों की मौत पर जवाब देना होगा।
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आगे बताते हुए संजय सिंह (Sanjay Singh)ने कहा जब किसान आंदोलन में अपनी शहादत और उनके बेटे सीमा पर अपना बलिदान दे रहे थे तब आपकी सरकार और भाजपा के नेता किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी और नक्सली बताने में लगे थे। जब किसानों को खालिस्तानी, आतंकवादी कहा जा रहा था तब कहा थे आप? जब आपके नेता किसानों को आतंकवादी कह रहे थे तब कहां थे आप? सांसद बोले- आप बंगाल के चुनाव में लीन थे जब देश की जनता मर रही थी। मोदी जी जो तपस्या कर रहे थे वो कितनी क्रूर और कठिन थी, यह देश जान चुका है। कहा-सरकार ऐसे ही नहीं झुकी है। चुनाव में हार के डर के कारण मजबूरी में कानून वापस लिया गया है। आप आज देश के किसानों को नमन करती है। यह देश के किसानों के आंदोलन की विजय है, जिनके दम पर आज मोदी जी का अहंकार टूटा है।
पीएम मोदी पूंजीपति मित्रो को आप फायदा पहुचाने का काम कर रहे
सांसद संजय सिंह ने कहा कि कम संख्या के बाद भी आपकी सरकार ने जबरन संसद में ये तीनों काले कानून पास करवा लिए। आप के सांसदों ने इसका विरोध किया तो मार्शल लगाकर उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया। लगातार संसद से सड़क तक हम काले कानून लागू न करने की मांग कर रहे थे तब आप चुप थे। आप अपने पूंजीपति मित्रो को आप फायदा पहुचाने का काम कर रहे थे। आपके इस गुनाह के कारण मुझे सदन में माइक तोड़ना पड़ा। संजय सिंह ने कहा कि अब भी मोदी जी अपने अपने पाप पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि अगर अब भी आप में जरा भी शर्म बची है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून लाइए। जब आप गुजरात के सीएम थे तब आपने एमएसपी की पैरवी की थी। अब एमएसपी के कानून को संसद के पारित की कीजिए।
मृत किसानों को मिले शहीद का दर्जा और एक करोड़ का मुआवजा
सांसद संजय सिंह ने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा देने के साथ उनके परिवार को एक करोड़ का मुआवजा, सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई। कहा कि इन शहीद किसानों को देश याद रखे, इसके लिए किसान शहीद स्मृति स्थल बनाइए।
ये तरीका ठीक नही है…
सांसद संजय सिंह ने कहा कि सरकार की जब मर्जी होगी को मार देंगे और जब मर्जी होगी तो कहेंगे कि सांस लेलो ये तरीका ठीक नही है। हमने जब ये बिल संसद में लाया जा रहा था तभी कहा था कि ये काले कानून किसानों की मौत का फरमान है। पहले दिन से आप का हर नेता और कार्यकर्ता पार्टी अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में इन काले कानूनों के विरोध में था। हम पहले दिन से किसानों के साथ थे और रहेंगे, लेकिन आपको यह समझने में एक साल क्यों लग गया, ये जनता सब समझ गई है।
एमएसपी को लेकर समिति गठित करने की बात पर सरकार को घेरा
सांसद संजय सिंह ने एमएसपी को लेकर समिति गठित करने की बात पर सरकार को घेरा। कहा कि समिति गठित करने का मतलब मामले को ठंडे बस्ते में डाल देना है। 33% महिला आरक्षण के साथ भी यही हुआ। समिति गठित करके इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। सांसद संजय सिंंह ने प्रधानमंत्री को झूठ बोलने वाला करार दिया। कहा कि अब तक उनके जैसा झूठ बोलने वाला प्रधानमंंत्री कोई और नहीं हुआ। बोले- मोदी जी ऐसी बातें करते हैं जिसे सुनकर हंसना और रोना दोनों आता है। प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह, प्रदेश सह प्रभारी ब्रज कुमारी सिंह, प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी और महेंद्र सिंह मौजूद रहे ।
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