फतेहपुर : धरती के भगवान का ऐसा रूप देख कांप गई इंसानियत की रूह

फतेहपुर जिला अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मारपीट और पॉइजन केस की दो गंभीर महिलाओं को अस्पताल में बेड तक नही दिया गया है।

फतेहपुर जिला अस्पताल के डॉक्टरों (Fatehpur hospital doctors) की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मारपीट और पॉइजन केस की दो गंभीर महिलाओं को अस्पताल में बेड तक नही दिया गया है। जिला अस्पताल के फर्श सीट पर लिटाकर महिलाओं का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों की लापरवाई का वीडियो THE UP KHABAR के कैमरे में कैद हो गई।

जब फर्श पर पड़ी गंभीर महिलाओं का इलाज कर रहे अस्पताल के डॉक्टर अनूप से हमारे संवाददाता मनीष कुमार ने सवाल किया की मरीजो को बेड क्यों नही उपलब्ध कराया गया तो डॉक्टर जवाब देने के बजाए यह कहते हुए कैमरे से मुँह मोड़ लिया कि वह डॉक्टर नही है, इसका जवाब सीनियर डॉक्टर से लीजिए। वहीं इस पूरे मामले में जब जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर प्रभाकर ने चुप्पी साध रखी है।

मरीजो का लापरवाही पूर्ण तरीके से इलाज किया जा रहा था

जानकारी के मुताबिक गाज़ीपुर थाना इलाके के भरवा गांव की रहने वाली सुनीता पत्नी बड़े लाल कीटनाशक दवा पी रखी थी। जबकि थरियांव थाना इलाके के सूबेदार का पुरवा गांव की रहने वाली गीता देवी पत्नी स्व• शीतल यादव मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुई थी। दोनो महिलाओं की हालत बेहद गंभीर थी, जिन्हें अस्पताल में बेड तक नही दिया गया। अस्पताल के अंदर फर्श सीट पर लेटाकर दोनो मरीजो का लापरवाही पूर्ण तरीके से इलाज किया जा रहा था।

साहब का जवाब था कि वह डॉक्टर नही है

जिला अस्पताल के फर्श सीट पर पड़ी दोनो गंभीर महिलाओं का इलाज करते वीडियो THE UP KHABAR के कैमरे में कैद हो गई। जब हमारे संवाददाता मनीष कुमार ने इलाज कर रहे डॉक्टर अनूप से मरीजों को बेड न उपलब्ध कराए जाने का कारण पूछा तो डॉक्टर साहब का जवाब था कि वह डॉक्टर नही है। इसका जवाब सीनियर डॉक्टर से लीजिए।

तीमारदार चेतन और श्याम लाल का आरोप है कि गंभीर हालत में भी उनके मरीजो को इमरजेंसी वार्ड में नही भर्ती किया गया है। जब उन्होंने इस बाबत डॉक्टर्स से बेड उपलब्ध कराए जाने की बात कही तो जवाब मिला कि यहीं उपचार किया जाएगा। इतना ही नही उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तक नही दी जा रही है। जिला अस्पताल में ऐसे हालात तब है जब भाजपा के 6 विधायक और तीन मंत्री फतेहपुर से हैं।

जिला अस्पताल से डॉक्टरों की लापरवाही का ये कोई पहला मामला नही है। सोमवार की दोपहर भी डॉक्टरों की लापरवाही से एक गर्भवती महिला की मौत हो चुकी है। जिस पर परिजनों ने 5 हाजर रुपये की मांग न पूरी करने पर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया था। वहीं इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर प्रभाकर ने चुप्पी साध रखी है।

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