फतेहपुर डीएम संजीव सिंह ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समस्या समाधान हेतु ब्लॉक एवम् जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के दिए निर्देश
फतेहपुर : इस समय पूरा प्रदेश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है. ऐसी स्थिति में इंसान से लेकर जीव जंतु सब इसका प्रकोप झेल रहे हैं. इन परिस्थितियों में भी ज़िले के मुखिया संजीव सिंह अपने परिवार की तरह सभी जनपदवासियों सहित पशु पक्षियों के लिए भी चिंता जनक हैं और इन्हे किसी भी तरह की कोई तकलीफ न हो इसके लिए लगातार काम करने के लिए अग्रसर हैं.
इसी कड़ी में जिलाधिकारी संजीव सिंह द्वारा आगामी ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत पेयजल की समस्या के समाधान, गौशालाओं में गोवंश हेतु आवश्यक व्यवस्थाओं की सुनिश्चित करने तथा गौशालाओं हेतु कृषकों से पर्याप्त भूसा क्रय करने ,लॉक डॉउन में मनरेगा एवं श्रम विभाग के अतिरिक्त ग्रामीण दिहाड़ी मजदूरों को शासकीय सहायता उपलब्ध कराए जाने विषयक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक (डीआरडीए), जिला विकास अधिकारी ,जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ,श्रम प्रवर्तन अधिकारी तथा समस्त खंड विकास अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समस्या समाधान शासन के निर्देशानुसार ब्लॉक एवम् जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए ।
सभी खंड विकास अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि कंट्रोल रूम के नंबर पर आने वाली कॉल को रिसीव किया जाए तथा उसे शिकायती रजिस्टर में अभिलिखित किया जाए ।पूर्ण निस्तारण होने के उपरांत ही उस शिकायत को क्लोज किया जाए।
खंड विकास अधिकारी द्वारा शिकायत रजिस्टर एवं उसके निस्तारण की गुणवत्ता को स्वयं शिकायतकर्ता से रैंडम आधार पर बात कर परीक्षण भी कराया जाए।
शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण न करने या फर्जी निस्तारण करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।
खंड विकास अधिकारी समस्त ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से गौशालाओं में संरक्षित गोवंश हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में कृषकों से सीधे भूसा क्रय कर संरक्षित करना सुनिश्चित करेंगे ।
इससे जहां एक ओर कृषक गांव में ही भूसे को उचित दर पर विक्रय कर सकेंगे, वहीं दूसरी ओर गौशाला हेतु पर्याप्त भूसे की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी।
यदि किसी कृषक द्वारा हार्वेस्टर से कटिंग कराई गई है, तो पंचायत द्वारा द्वारा फसल अवशेष से भूसा भी बनवाया जा सकेगा।इससे पराली जलाए जाने की घटनाएं भी नहीं होगी।
यदि कोई व्यक्ति गौशाला हेतु भूसा दान करना चाहता है तो विकासखंड के कंट्रोल रूम या संबंधित सचिव या ग्राम प्रधान से संपर्क कर सकता है।
सभी कृषकों से अपील की जाती है कि गेहूं की पराली किसी भी दशा में ना जलाएं जिलाधिकारी महोदय ने मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार सभी पात्र दिहाड़ी मजदूरों को रुपए 1000 की सहायता प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
उप जिलाधिकारी तथा समस्त खंड विकास अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी व्यक्ति राशन की कमी के कारण भूखा ना रहे। विकासखंड स्तरीय के कंट्रोल रूम द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत तथा राशन कार्ड की समस्याओं को भी संज्ञान लेकर उनका निराकरण कराया जाएगा।
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