14 दिसंबर को व्रत रखने से पति को मिलेगी लंबी उम्र, जानिए इस दिन के बारे में……
हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पूरे वर्ष में दो से तीन सोमवती अमावस्या पड़ती हैं। सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या को विशेष महत्व दिया गया है। 14 दिसंबर को इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या है। सोमवती अमावस्या एक साल में 2 से 3 बार पड़ती है। हिन्दू धर्म में इसका विशेष महत्त्व है। इस दिन लोग अपने पूर्वज की आत्मा की शांति के लिए नदियों में स्नान कर प्रार्थना करते हैं। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। तो आइये जानते हैं क्यों करते हैं यह व्रत? क्या है इसका महत्त्व और इसके पीछे की कथा?
सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 14 दिसंबर (सोमवार) को रात्रि 9 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इस अमावस्या को बहुत ही विशेष माना गया है। अमावस्या की तिथि के बाद प्रतिपदा तिथि होगी।
सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं। इस दिन सुहागिनें व्रत रखकर पीपल के वृक्ष की दूध, पुष्प, अक्षत, चन्दन एवं अगरबत्ती से पूजा-अर्चना करती हैं और उसके चारों ओर 108 धागा लपेटकर परिक्रमा करती हैं तथा भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं कि पति की उम्र लंबी हो।
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