अभी-अभी: किसानों ने बैठक के बाद सरकार के प्रस्ताव को ठुकराया, अन्नदाताओं ने अब कही ये बात…

बातचीत के लिए सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया है. 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद आयोजित पीसी में योगेंद्र यादव ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव की बात नहीं कर रहे हैं

बातचीत के लिए सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को किसान(farmers) संगठनों ने ठुकरा दिया है. 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद आयोजित पीसी में योगेंद्र यादव ने कहा कि हम तीनों कृषि कानूनों में किसी भी प्रकार के बदलाव की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर जो प्रस्ताव सरकार से आया है उसमें कुछ भी साफ नहीं है और स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ठोस प्रस्ताव लिखित में भेजें और खुले मन से बातचीत के लिए बुलाएं.

किसानों आंदोलन के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में अपना अभियान तेज कर दिया है. उत्तर प्रदेश में 26 और 27 दिसंबर को बीजेपी के कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की चिट्ठी को दिखाकर किसान हित में किए कार्यों को गिनाएंगे. इसके साथ ही मलिन बस्तियों में केंद्र की योजनाओं को बताएंगे.

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वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों(farmers) के साथ 25 दिसंबर को संवाद करेंगे. पीएम मोदी इस बार उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ ये संवाद पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर करेंगे. इसके लिए यूपी में करीब ढाई हजार चौपाल लगाई जाएंगी. जिसके लिए बीजेपी इन किसानों से संपर्क करने के लिए अभियान चलाएगी. पीएम मोदी किसानों(farmers) के साथ संवाद के दौरान कृषि कानून से जुड़ी खूबियों को बताएंगे और विस्तार से समझाएंगे कि, ये कानून किस तरह से उनके हित में हैं. पीएम मोदी का ये किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम बहुत बड़े स्तर पर किया जाएगा. इसके लिए सिर्फ अवध क्षेत्र में 377 जगह पर कार्यक्रम होंगे और पूरे यूपी में ढाई हजार से ज्यादा कार्यक्रम होंगे.

वहीं आपको बता दें कि, 25 दिसंबर को पीएम मोदी किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त भी जारी करेंगे. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी अवध के किसानों से बात करेंगे. इसके लिए उत्तर प्रदेश बीजेपी ने खास तैयारी की है. हर जिले में किसान संवाद का आयोजन किया जाएगा. ताकि कृषि कानूनों पर पीएम मोदी के संदेश को लोगों तक पहुंचाया जा सके.

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