किसान आंदोलन तोड़ने के लिए क्या सरकार रच रही साजिश ? पढ़ें ये खबर
केंद्र द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान करीब 19 दिनों से सड़कों पर हैं।
केंद्र द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान करीब 19 दिनों से सड़कों पर हैं। कई चरणों की वार्ता होने के बाद भी बात न बन पाने के कारण किसान दिन-ब-दिन अपना आंदोलन तेज करते जा रहे हैं। टोल प्लाजा फ्री करने, हाईवे जाम करने के बाद अब अन्नदाता स्वयं अन्न त्याग कर बैठे हैं। किसानों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए सरकार का गला भी सूखता हुआ नजर आ रहा है।
अमित शाह ने की बैठक
इसी कड़ी में गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिवस आनन फानन में अपने आवास पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोम प्रकाश के साथ बैठक कर किसानों को मनाने पर मंथन किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने पंजाब के भाजपा नेताओं के साथ अलग से बैठक कर स्थिति जानी। बता दें कि सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच चरणों की वार्ता हो चुकी है। जिसमें अभी तक कोई सार्थक हल नहीं निकला है।
आगे की होगी घोषणा
आंदोलन को आगे बढ़ाने एवं इसे तेज करने को लेकर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी कहते हैं कि किसानों ने 14 दिसम्बर से आंदोलन तेज करने की योजना बनाई थी। 14 दिसम्बर को होने वाली भूख हड़ताल भी इसी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यदि शाम तक सरकार की तरफ से कोई सार्थक कदम नहीं उठाए जाते हैं तो शाम को आंदोलन की अगली रणनीति की घोषणा की जाएगी।
क्या सरकार रच रही साजिश
पत्रकार वार्ता में चढूनी ने कहा कि, सभी नेता अपने अपने स्थानों पर भूख हड़ताल करेंगे। देशभर के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने दिए जाएंगे। प्रदर्शन लगातार चलता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि जो किसान संगठन आंदोलन समाप्त करके कानून के पक्ष में हैं, उनकी सरकार के साथ सांठगांठ हैं। उन्होंने हमारे आंदोलन को कमजोर करने का षड्यंत्र रचा है। सरकार किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए साजिश रच रही है।
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