कृषि कानून: नहीं थम रहा किसानों की मौत का सिलसिला, टिकरी बार्डर पर एक और अन्नदाता की हुई मौत
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों पर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन को आज (रविवार) 39 दिन हो चुके हैं।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों पर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों (Farmers) के आंदोलन को आज (रविवार) 39 दिन हो चुके हैं। कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। इसी बीच टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल होने आए एक और किसान की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि गांव इटल कलां जींद के निवासी मृतक किसान का नाम जगबीर है और जिनकी उम्र करीबन 58 वर्ष है। किसान की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है।
आपको बता दें कि शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पहले दिन से आंदोलन में शामिल रहे एक बुजुर्ग किसान (Farmers) ने सरकार और अन्नदाताओं के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए धरनास्थल पर फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली।
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बुजुर्ग किसान ने मोबाइल शौचालय में लगाई फांसी
जानकारी के मुताबिक, कश्मीर सिंह नाम के एक बुजुर्ग किसान (Farmers) ने नगर निगम की ओर से लगवाए गए मोबाइल शौचालय में आत्महत्या (Suicide) की। 75 साल के कश्मीर यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं। कश्मीर सिंह का सुसाइड नोट भी मिला है। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जहां उनकी मौत हुई है, वहीं उनका पोता अंतिम संस्कार करे। उनकी अंत्येष्टि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही हो।
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‘जान दे रहा हूं, ताकि कोई हल निकले’ और फिर कर ली आत्महत्या…
सुसाइड नोट (Suicide Note) में कश्मीर सिंह ने अपनी आत्महत्या (Suicide) के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने नोट में लिखा कि आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। सरकार को फेल बताते हुए किसान (Farmers) ने कहा है कि यह सरकार सुन नहीं रही है, इसलिए अपनी जान देने जा रहा हूं, जिससे कोई हल निकल सके।
सरकार की नीतियों से नाराज था मृतक किसान
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत के प्रदेश प्रमुख बिजेंद्र यादव ने कहा कि एक दिन पहले भी ठंड लगने की वजह से एक किसान की मौत हो गई थी। इसके एक दिन बाद ही किसान (Farmers) कश्मीर सिंह ने सुसाइड (Suicide) कर लिया। उनके मुताबिक, मृतक किसान सरकार की नीतियों से नाराज था। उन्होंने कहा कि कश्मीर सिंह का बेटा और पोता भी किसान आंदोलन में शामिल है। मृतक किसान का सुसाइड नोट पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
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भाकियू नेता राकेश टिकैत ने व्यक्त किया दुख
वहीं, किसान के आत्महत्या (Suicide) करने पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने दुख व्यक्त किया। राकेश टिकैत ने कहा कि, कश्मीर सिंह इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़े थे और जब उन्हें सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नजर नहीं आई तो उन्होंने ऐसा कदम उठा लिया।
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