Toolkit case: शांतनु के बाद निकिता जैकब को मिली गिरफ्तारी से बड़ी राहत, मुंबई हाईकोर्ट से ट्रांजिट बेल
कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों (Farmers) के आंदोलन में स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के भारत विरोधी टूलकिट मामले में निकिता जैकब (Nikita Jacob) को मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) ने...
कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों (Farmers) के आंदोलन में स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के भारत विरोधी टूलकिट मामले में निकिता जैकब (Nikita Jacob) को मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने आरोपी निकिता को तीन हफ्ते की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे दी है। अदालत ने निकिता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है यानी दिल्ली पुलिस निकिता को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। इसके साथ ही अदालत की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर निकिता जैकब को गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें 25 हजार के निजी मुचलके पर राहत मिल सकती है।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि आरोपी निकिता (Nikita Jacob) का कोई राजनीतिक, धार्मिक या आर्थिक एजेंडा नहीं है। अदालत ने यह भी माना कि आरोपी निकिता का घर 11 फरवरी को सर्च किया गया और सामान जब्त कर लिया गया। इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि अपराध दूसरे राज्य में हुआ है, इसलिए ये मामले उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
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बुधवार को जस्टिस पीडी नाइक की बेंच ने फैसला सुनाते हुए औरंगाबाद बेंच के फैसले का भी जिक्र किया, जिसके बाद आरोपी निकिता जैकब (Nikita Jacob) को राहत दी गई है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में निकिता जैकब के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस मामले दिल्ली में ही एफआईआर दर्ज हुई है, साथ ही दिल्ली पुलिस ने निकिता के मोबाइल-लैपटॉप को भी जब्त किया है।
वहीं, अदालत में सुनवाई के दौरान निकिता (Nikita Jacob) के वकील की ओर से यह दलील दी गई कि निकिता दिल्ली पुलिस का जांच में साथ देने को तैयार है, लेकिन वो सिर्फ गैरजमानती वारंट के खिलाफ अपील कर रही है, ताकि दिल्ली की अदालत में जाने से पहले अपने सबूत इकट्ठा कर सके।
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टूलकिट मामले में आरोपी निकिता (Nikita Jacob) की वकील ने कहा कि ‘टूलकिट को अकेले निकिता ने नहीं बनाया है। टूलकिट के साथ निकिता जुड़ी है, उसने रिसर्च की है, लेकिन ये सिर्फ कृषि कानूनों को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए। इसके अलावा कुछ नहीं, हिंसा फैलाने का निकिता का कोई उद्दे्श्य नहीं था।’
निकिता (Nikita Jacob) के वकील ने बताया कि ‘मुंबई हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम जजमेंट को ध्यान में रखते हुए निकिता को तीन हफ्ते की ट्रांजिट जमानत दी है। इन तीन हफ्तों के भीतर निकिता को दिल्ली की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी देनी होगी। ट्रांजिट बेल का प्रावधान सीआरपीसी में नहीं है, लेकिन फिर भी एक इंसान के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने निकिता को राहत नहीं है।’
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