Farmers Protest: बैठक के बाद बोले किसान नेता- सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमने…

सरकार (Government) और किसान संगठनों के बीच बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक करीब 3 घंटे चली। अब 15 जनवरी को अगली बैठक होगी।

सरकार (Government) और किसान संगठनों के बीच बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक करीब 3 घंटे चली। अब 15 जनवरी को अगली बैठक होगी। किसानों (Farmers) के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून पूरे देश के लिए है न कि किसी राज्य के लिए। देश के किसान इन कानूनों को खूब समर्थन दे रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान (farmer) नेताओं को देश हित में आंदोलन को वापस लेना चाहिए। वहीं, किसानों ने कहा कि वो कानून को वापस कराना चाहते हैं। इसके अलावा कुछ मंजूर नहीं। बैठक में सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो कानून वापस नहीं लेगी।

लंच ब्रेक के आग्रह पर किसान नेता बोले…

सूत्रों के मुताबिक, 8वें दौर की बाचतीत के बाद सरकार के रुख से नाराज किसानों (Farmers) ने लंगर खाने से मना कर दिया। बैठक शुरू होते ही एक तरफ सरकार ने कहा कि कई राज्यों के किसान इसके समर्थन में हैं, कानून वापस नहीं ले सकते। वहीं, किसान नेता कानून वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। तल्खी बढ़ने पर सरकार ने लंच ब्रेक का आग्रह किया तो किसान नेताओं ने कहा कि ना रोटी खाएंगे ना चाय पिएंगे।

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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा…

वहीं सरकार से बातचीत से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर कानून जल्दी खत्म नहीं हुआ तो यह आंदोलन 2024 तक जाएगा, हम सभी राज्यों में जाएंगे और वहां पर बड़ी-बड़ी पंचायत करेंगे। हम दस्तावेज बनाकर लोगों में बाटेंगे। सरकार (government) बाजीगर है, अलग-अलग पुड़िया लेकर आती है। हमारे पास भी बहुत सारी पोटली है, अभी हमने वह खोली नहीं है। हमारी पोटली में किसान (Farmers) हैं और हमने उन्हें दवा बता दी है कि कैसे इसका हल होगा।

दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शुरू हुई बैठक

सरकार (government) के साथ किसानों की 8वें दौर की शुक्रवार को 2 बजे दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शुरू हुई। इस बैठक में अगर कोई नतीजा नहीं निकलता है तो सरकार का अगला कदम क्या होगा। इस पर अभी भी संशय बना हुआ है. किसानों की तरफ से इसके बाद 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी। वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि, इस बैठक से उम्मीद की जा रही है कि, कोई न कोई हल जरूर निकलेगा और किसान (Farmers) सरकार (government) की बात समझेंगे कि ये कानून उनके हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

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कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि, अगर किसानों (Farmers) के साथ हुई सरकार (government) की पहली बैठक को अगर देखा जाए तो उस समय कानूनों को वापस लेने की कोई बात नहीं हुई थी, सिर्फ परिवर्तन की बात कही गई थी, इसलिए उसी हिसाब से सोचा जाए तो हल जरूर निकलेगा। इसके साथ ही कृषि मंत्री ने कहा अभी तो कानूनों में सुधारों की शुरूआत हुई है ये आगे भी जारी रहेंगे।

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