Farmers Protest: CM योगी के गढ़ पूर्वांचल में भारतीय किसान यूनियन की ‘किसान महापंचायत’, नरेश टिकैत करेंगे संबोधित
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों (Farmers) का आंदोलन लगभग तीन महीने से लगातार जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों का आंदोलन अब...
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों (Farmers) का आंदोलन लगभग तीन महीने से लगातार जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों का आंदोलन अब पूरे यूपी में तेजी से फैलता जा रहा है। पश्चिम यूपी को अपनी जद में लेने के बाद अब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ तक किसान आंदोलन की आंच पहुंच चुकी है।
पूर्वांचल के बस्ती जिले के मुंडेरवा में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान महापंचायत का आज (गुरुवार) आयोजन किया गया है, जिसे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत संबोधित करेंगे।
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वहीं, पूर्वी यूपी में किसान पंचायत करने के पीछे की वजह बताते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख नरेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान (Farmers) तो बड़ी तादाद में शामिल हो रहे हैं, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को वहां जानें में हजारों किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। इसी वजह से हम उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में किसान पंचायत कर किसानों को कृषि कानूनों के बारे में बता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों से छोटे किसानों (Farmers) को ज्यादा नुकसान होगा। टिकैत ने कहा कि हमें छोटे किसानों को बचाना है, बड़े किसान तो फिर बी बच जाएंगे।
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि हम ये देख रहे हैं कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों में कितना रोष और गुस्सा है। पंचायतें हो रही हैं और महापंचायतें भी हो रही हैं, जो कभी इतने बड़े पैमाने पर नहीं हुई हैं, लेकिन फिर भी सरकार अपनी जिद्द पर उड़ी है।
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उन्होंने कहा कि ऐसे में हम किसानों (Farmers) को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। वह कहते हैं कि जो किसान दिल्ली की सीमाओं तक नहीं पहुंच सकते हैं, उन्हें पूर्वांचल के जिलों में होने वाली यह पंचायतें किसानों को आंदोलन से जोड़ेंगी।
सरकार और किसानों (Farmers) के बीच गतिरोध जारी है, जिससे किसान आंदोलन भी लंबा खिंच रहा है। इसी को देखते हुए किसान नेता भी लंबी लड़ाई की तैयारी में जुटे हैं। वेस्ट यूपी के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश और अन्य इलाकों में भी किसान नेता किसान पंचायत कर किसानों को जोड़ने में जुटे हैं, जिसे मद्देनजर जो लोग दिल्ली बॉर्डर नहीं पहुंच सकते, उनके इलाकों में भारतीय किसान यूनियन किसान पंचायत करने की रणनीति अपना रहे हैं, ताकि सरकार पर दबाव बन सके।
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