Farmers Protest: किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं के सैलाब के बाद आंदोलन ने पकड़ी रफ्तार, अब…

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसानों (Farmers) के आंदोलन के भविष्य पर सवाल उठ रहे थे।

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसानों (Farmers) के आंदोलन के भविष्य पर सवाल उठ रहे थे। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) के आंसुओं के सैलाब के बाद किसान आंदोलन एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगा है। पश्चिमी यूपी (Western UP) और हरियाणा (Haryana) के अलग-अलग इलाकों से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है।

कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का केंद्र सरकार पर हमला…

वहीं, राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसानों (Farmers) की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है। इसमें किसानों की कोई गलती नहीं है। उन्होंने कहा कि तब मोदी सरकार कहां थी, जब किसानों की मौत हो रही थी। उस वक्त तो कोई बवाल नहीं हुआ।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन के भविष्य पर उठ रहे हैं सवाल, अब एक और संगठन ने समाप्त किया धरना

आगे उन्होंने कहा कि किसानों (Farmers) को रूट की जानकारी नहीं थी, जिसकी वजह से उन्हें सुनियोजित तरीके से भटकाया गया और लाठी चार्ज करके उनको भड़काया गया।

अलग-अलग बॉर्डर पर कड़ी है सुरक्षा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जहां भी किसानों (Farmers) का आंदोलन चल रहा है, वहां आज भी (शुक्रवार) सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। बता दें कि बीते दिन यानी गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भी हरियाणा के गांवों में यात्रा निकाली गई और लोगों से आंदोलन से जुड़ने की अपील की गई थी।

यह भी पढ़ें- समाजवादी सरकार के विकास कार्यों की नकल भी नहीं कर सकती बीजेपी: सपा प्रमुख अखिलेश यादव

वहीं, दूसरी ओर गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार से ही लोग जुटने लगे हैं।

Related Articles

Back to top button