कृषि कानून: सिंघु बॉर्डर पर 80 किसान संगठनों की बैठक आज, कर सकते हैं ये बड़ा ऐलान…

कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आज 37वां दिन हैं. सरकार के साथ किसानों की 7 बार बैठक हो चुकी है. जिसमें 6 बैठकें बेनतीजा रहीं और सातवीं में दो मुद्दों पर किसान और सरकार के साथ सहमति बनी लेकिन अब भी किसानों की तरफ से दो मुद्दों पर बात बनती दिखाई नहीं दे रही है.

कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों का आज 37वां दिन हैं. सरकार के साथ किसानों (farmers) की 7 बार बैठक हो चुकी है. जिसमें 6 बैठकें बेनतीजा रहीं और सातवीं में दो मुद्दों पर किसान(farmers) और सरकार के साथ सहमति बनी लेकिन अब भी किसानों की तरफ से दो मुद्दों पर बात बनती दिखाई नहीं दे रही है. सरकार के साथ अगली बैठक 4 जनवरी को होगी. लेकिन उससे पहले सिंघु बॉर्डर पर 80 किसान संगठनों ने आज (शुक्रवार को) बैठक बुलाई है. इस बैठक में किसान आगे की रणनीति तय करेंगे. इसके साथ ही चार तारीख को होने वाली बैठक में जिन मुद्दों पर बात होनी है उसको भी तय किया जाएगा.

किसान संगठनों के साथ सरकार की सातवें दौर की बैठक में दो मुद्दों पर सहमति बनने के भी किसानों (farmers) ने कहा था कि, उनका ये आंदोलन अभी जारी रहेगा. क्योंकि ये आंदोलन कानून वापसी तक चलेगा. इसके लिए चाहे पूरे साल लड़ाई लड़नी पड़े. किसान संगठनों का कहना है कि, वो पूरे साल के इंतजाम के साथ आए हैं. अगर सरकार सोच रही है कि, वो हार कर चले जाएंगे तो ऐसा मुमकिन नहीं है.

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वहीं भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि, अगर सरकार कानून के मुद्दे को लेकर दो कदम पीछे हटेगी तो किसान (farmers) भी ढाई कदम हटने को तैयार हैं लेकिन अगर सरकार जिद पर अड़ी रहेगी तो उनका आंदोलन भी जारी रहेगा और 26 जनवरी को तिरंगा लगाकर ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी तब देखा जाएगा कि, किस तरह से सरकार वाटर कैनन और पुलिस बल का प्रयोग करेगी.

किसानों (farmers) का कहना है कि, एमएसपी की गारंटी और मंडी सिस्टम को खत्म नहीं किया जा सकता है. क्योंकि इससे व्यापारी अपने मुताबिक, किसानों की फसल को खरीदेंगे. और फसल की कीमत तय करेंगे। ऐसे में बाजार पर सिर्फ उनका नियंत्रण हो जाएगा और सरकार चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएगी. फिलहाल 4 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में तय होगा कि, सरकार कानून वापस लेगी या फिर किसान संसोधन पर राजी होंगे.

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