बिजनौर : कैश क्रॉप्स को लेकर अब गन्ने का विकल्प ढूंढ रहे किसान

जनपद बिजनौर में गन्ने की खेती के विकल्प के रूप में जनपद के किसान अन्य खेती का विकल्प ढूंढ रहे हैं जिसमें कुछ किसानों ने गन्ने की खेती के स्थान पर केले की खेती शुरू की है गन्ने की खेती से अब किस किसान परेशान महसूस करने लगा है। 

जनपद बिजनौर में गन्ने की खेती के विकल्प के रूप में जनपद के किसान अन्य खेती का विकल्प ढूंढ रहे हैं जिसमें कुछ किसानों ने गन्ने की खेती के स्थान पर केले की खेती ( banana cultivation i) शुरू की है गन्ने की खेती (sugarcane cultivation.) से अब किस किसान परेशान महसूस करने लगा है। 

समय पर गन्ने का भुगतान किसानों को नहीं मिलना उनकी समस्या बनता जा रहा है इसीलिए विकल्प के रूप में अन्य फसलों का चयन किसान करता जा रहा है

परिवार आवश्यक आवश्यकता की पूर्ति भी करता है

आपको बता दें जनपद बिजनौर में गन्ने की उपज बहुत अधिक होती है इसी पर किसान की सभी जरूरत है पूरी भी होती हैं गन्ने की खेती से किसान अपने परिवार आवश्यक आवश्यकता की पूर्ति भी करता है लेकिन परिस्थिति अब बदलती जा रही हैं।

गन्ने के विकल्प के रूप में अन्य फसलों की मार्केटिंग अच्छी है

गन्ने की के भुगतान चीनी में चीनी मिलों द्वारा समय से नहीं किया जा रहा है कई बार किसानों ने धरने प्रदर्शन भी किया इस परिस्थिति में किसानों ने हताश होकर फसल चक्र को अपनाते हुए गन्ने की उपज को कम करने की ठान ली ग्राम जलालपुर के कर्मवीर सिंह ने बताया की गन्ने के विकल्प के रूप में अन्य फसलों की मार्केटिंग अच्छी है।

80 य 85 हजार के लगभग उत्पादन लाभ लिया जा सकता है

जल्दी भुगतान मिलता है ऐसी फसल का चयन और अधिक लाभ मिले फोन कम करना पड़े किसी विकल्प के रूप में केले की खेती शुरू की है उनकी माने तो एक बीघा जमीन में गन्ने की पैदावार लगभग 60 या 70 कुंतल जिसकी कीमत 18 से ₹20000 तक बनती है जबकि केले की खेती में एक बीघ लगभग 80 य 85 हजार के लगभग उत्पादन लाभ लिया जा सकता है।

Related Articles

Back to top button