‘जान दे रहा हूं, ताकि कोई हल निकले’ और फिर कर ली आत्महत्या…
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों (farmer) का आज यानी रविवार को 39वां दिन है।
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों (farmer) का आज यानी रविवार को 39वां दिन है। यूपी गेट, सिंघु बॉर्डर, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर पहले दिन से आंदोलन में शामिल रहे एक बुजुर्ग किसान ने सरकार और अन्नदाताओं के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए धरनास्थल पर फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली।
बुजुर्ग किसान ने मोबाइल शौचालय में लगाई फांसी
जानकारी के मुताबिक, कश्मीर सिंह नाम के एक बुजुर्ग किसान ने नगर निगम की ओर से लगवाए गए मोबाइल शौचालय में आत्महत्या (Suicide) की। 75 साल के कश्मीर यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं। कश्मीर सिंह का सुसाइड नोट भी मिला है। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जहां उनकी मौत हुई है, वहीं उनका पोता अंतिम संस्कार करे। उनकी अंत्येष्टि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही हो।
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‘जान दे रहा हूं, ताकि कोई हल निकले’ और फिर कर ली आत्महत्या…
सुसाइड नोट (Suicide Note) में कश्मीर सिंह ने अपनी आत्महत्या (Suicide) के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने नोट में लिखा कि आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। सरकार को फेल बताते हुए किसान ने कहा है कि यह सरकार सुन नहीं रही है, इसलिए अपनी जान देने जा रहा हूं, जिससे कोई हल निकल सके।
सरकार की नीतियों से नाराज था मृतक किसान
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत के प्रदेश प्रमुख बिजेंद्र यादव ने कहा कि एक दिन पहले भी ठंड लगने की वजह से एक किसान की मौत हो गई थी। इसके एक दिन बाद ही किसान कश्मीर सिंह ने सुसाइड (Suicide) कर लिया। उनके मुताबिक, मृतक किसान सरकार की नीतियों से नाराज था। उन्होंने कहा कि कश्मीर सिंह का बेटा और पोता भी किसान आंदोलन में शामिल है। मृतक किसान का सुसाइड नोट पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
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भाकियू नेता राकेश टिकैत ने व्यक्त किया दुख
वहीं, किसान के आत्महत्या (Suicide) करने पर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने दुख व्यक्त किया। राकेश टिकैत ने कहा कि, कश्मीर सिंह इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़े थे और जब उन्हें सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नजर नहीं आई तो उन्होंने ऐसा कदम उठा लिया।
गलतान सिंह की मौत के बाद किसानों का ऐलान…
वहीं, बागपत जिले के दोघट इलाके के मौजिजाबाद नांगल के रहने वाले 51 वर्षीय गलतान सिंह के शुक्रवार दोपहर को अचानक से सीने में दर्द शुरू हो गया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। गलतान सिंह की मौत से आक्रोशित किसानों (farmers) ने ऐलान किया है कि, अब कानून वापसी तक उनका आंदोलन नहीं थमेगा और पीछे नहीं हटेंगे। सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले।
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बीजेपी के खिलाफ पार्टी छोड़ो अभियान चलाने की चेतावनी…
वहींं, किसानों ने बीजेपी के खिलाफ पार्टी छोड़ो अभियान चलाने की चेतावनी दी है। किसान संगठनों ने कहा है कि, अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो भाजपा के खिलाफ पार्टी छोड़ो अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही किसानों की सात सदस्यीय कमेटी दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करेगी, जहां पर किसान अपनी अगली रणनीति का ऐलान करेंगे।
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