Farmers Protest: टिकरी बॉर्डर पर दो किसानों की मौत, एक का पेड़ पर लटकता मिला शव तो दूसरे…
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 74 दिनों से लगातार जारी है। सरकार (Government) और किसानों (Farmers) के बीच...
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 74 दिनों से लगातार जारी है। सरकार (Government) और किसानों (Farmer) के बीच कई दौर की बैठक होने के बावजूद इस मसले का अब तक हल नहीं निकल सका है। इसी बीच शनिवार रात कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से नाराज एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है।
फांसी लगाकर किसान ने दी अपनी जान
जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान ने सेक्टर-9 बाईपास के पार्क में पेड़ से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी है। किसान (Farmer) की पहचान जींद के सिंघवाल गांव के कर्मबीर के तौर पर हुई है।
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सुसाइड नोट में किसान ने लिखा…
मृतक कर्मबीर के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। अपने सुसाइड नोट में किसान ने लिखा है कि सरकार तारीख पर तारीख दे रही है। पता नहीं कब ये काले कानून रद्द होंगे। जब तक काले कानून रद्द नहीं होंगे तब तक यहां से नहीं जाएंगे।
मृतक किसान की परिवार में…
बता दें कि कर्मबीर की तीन बेटियां हैं, जिनमें एक बेटी की शादी हो चुकी है। फिलहाल, पुलिस ने पंचनामा कर किसान (Farmer) के शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भेज दिया है। परिजनों के आने के बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।
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दो और किसानों की मौत की खबर…
वहीं, कृषि कानूनों का विरोध में आंदोलन कर टिकरी बॉर्डर पर दो और किसानों की मौत की खबर है। मृतकों में एक किसान पंजाब के संगरूर और दूसरा मोगा जिले का निवासी था। मृतकों में एक किसान की आयु 60 और दूसरे की आयु 70 साल थी। हालांकि, अभी तक मौत की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसा आशंका जताई जा रही है कि दोनों किसानों की मौत हार्ट अटैक से हुई है।
बस की चपेट में आने से हुई किसान बबली सिंह की मौत
जानकारी के मुताबिक, पंजाब के संगरूर के निवासी एक किसान की मौत नया गांव चौक के पास बस की चपेट में आने से हुई तो वहीं हरियाणा के जींद जिले के निवासी एक किसान की मौत हार्ट अटैक से होने की आशंका जताई गई है। पुलिस ने दोनों के शव परिजनों को सौंप दिए हैं।
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पंजाब के मनसा जिले के गांव बाघड़ा के निवासी बबली सिंह कृषि आंदोलन के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल थे। बबली सिंह दो फरवरी को आंदोलन मे शामिल होने के लिए बहादुरगढ़ आए थे और बाईपास पर नयागांव चौक के नजदीक किसानों के जत्थे में ठहरे थे। शुक्रवार की दोपहर बाद बबली अपने साथी किसान के साथ लंगर का सामान लेने जा रहे थे। जब वे नयागांव चौक के पास सड़क पार कर रहे थे तो उसी दौरान बादली की ओर से आ रही बस की चपेट मे आ गए। घटना में वह गंभीर रूप से घायल बबली सिंह को इलाज के लिए बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
किसान रणधीर सिंह की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत
वहीं, जींद के गांव मोहनगढ़ के निवासी किसान रणधीर सिंह की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई, जो टीकरी बार्डर पर लगभग हर रोज किसानों की सभा में भाग लेते थे। रणधीर सिंह की मौत के कारण अभी साफ नहीं हो पाया है, हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत हृदयाघात से हुई है।
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