ब्रिटिश संसद में फिर गूंज सकता है किसान आंदोलन का मुद्दा, चलाया गया था ये अभियान…

कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का मुद्दा एक बार फिर से ब्रिटेन के संसद में उठाया जा सकता है. ब्रिटेन में एक ई-पेटिशन मूवमेंट चलाया गया था.

कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन (farmer protest) का मुद्दा एक बार फिर से ब्रिटेन के संसद में उठाया जा सकता है. ब्रिटेन में एक ई-पेटिशन मूवमेंट चलाया गया था. जिसको लाखों लागों का समर्थन अब तक मिल चुका है. लाखों लोगों का समर्थन मिलने के बाद अब इस मसले को ब्रिटिश संसद में उठाया जा सकता है और इसपर चर्चा की जा सकती है.

आपको बता दें कि, ब्रिटिश संसद की वेबसाइट पर एक प्लेटफॉर्म है जहां पर किसी मुद्दे को लेकर लोग अपनी राय दे सकते हैं. अगर यहां किसी पेटिशन को एक लाख से अधिक समर्थन मिलता है तो उसपर संसद में चर्चा होने की संभावना हो जाती है. ऐसे में किसान आंदोलन को लेकर चलाए गए ई-पेटिशन मूवमेंट को लाखों लोगों ने अपना समर्थन दिया है.

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अबतक इस ई-पेटिशन पर 1 लाख 10 हजार के करीब साइन किए जा चुके हैं. ऐसे में अब ब्रिटिश संसद की पेटिशन कमेटी किसान आंदोलन पर चर्चा करने पर विचार कर सकती है. साइन करने वालों में ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन का नाम होने का दावा भी किया जा रहा है. लेकिन पीएमओ की तरफ से साइन करने को लेकर साफ तौर से इनकार किया गया है.

गौरतलब है कि, इससे पहले भी ब्रिटेन की संसद में कई सिख भारतीय मूल के सांसदों द्वारा किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया जा चुका है. लेबर पार्टी के तनमनजीत सिंह ढेसी, प्रीत कौर गिल जैसे सांसदों ने खुलकर किसान आंदोलन के समर्थन में आवाज उठाई.

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