बड़ी खबर: सरकार के साथ बैठक के बीच किसान नेता ने कहा, या मरेंगे या…

सरकार के साथ जारी बैठक में किसान नेता बलवंत सिंह ने एक नोट लिखा है. सरकार से नाराज दिख रहे बलवंत सिंह ने लिखा कि या मरेंगे या जीतेंगे. वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि किसानों ने लंच नहीं किया. किसान नेता शांत हैं. आज की बैठक जल्द खत्म हो सकती है.

सरकार के साथ जारी बैठक में किसान नेता बलवंत सिंह ने एक नोट लिखा है. सरकार से नाराज दिख रहे बलवंत सिंह ने लिखा कि या मरेंगे या जीतेंगे. वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि किसानों (farmer) ने लंच नहीं किया. किसान (farmer) नेता शांत हैं. आज की बैठक जल्द खत्म हो सकती है.

किसानों के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून पूरे देश के लिए है न कि किसी राज्य के लिए. देश के किसान इन कानूनों को खूब समर्थन दे रहे हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान (farmer) नेताओं को देश हित में आंदोलन को वापस लेना चाहिए. वहीं, किसानो़ं ने कहा कि वो कानून को वापस कराना चाहते हैं. इसके अलावा कुछ मंजूर नहीं. बैठक में सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो कानून वापस नहीं लेगी.

वहीं सरकार से बातचीत से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर कानून जल्दी खत्म नहीं हुआ तो यह आंदोलन 2024 तक जाएगा, हम सभी राज्यों में जाएंगे और वहां पर बड़ी-बड़ी पंचायत करेंगे. हम दस्तावेज बनाकर लोगों में बाटेंगे. सरकार बाजीगर है, अलग-अलग पुड़िया लेकर आती है. हमारे पास भी बहुत सारी पोटली है, अभी हमने वह खोली नहीं है. हमारी पोटली में किसान (farmer) हैं और हमने उन्हें दवा बता दी है कि कैसे इसका हल होगा.

सरकार के साथ किसानों की 8वें दौर की शुक्रवार को 2 बजे दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शुरू हुई. इस बैठक में अगर कोई नतीजा नहीं निकलता है तो सरकार का अगला कदम क्या होगा. इस पर अभी भी संशय बना हुआ है. किसानों की तरफ से इसके बाद 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी. वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि, इस बैठक से उम्मीद की जा रही है कि, कोई न कोई हल जरूर निकलेगा और किसान (farmer) सरकार की बात समझेंगे कि ये कानून उनके हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

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कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि, अगर किसानों के साथ हुई पहली बैठक को अगर देखा जाए तो उस समय कानूनों को वापस लेने की कोई बात नहीं हुई थी सिर्फ परिवर्तन की बात कही गई थी. इसलिए उसी हिसाब से सोचा जाए तो हल जरूर निकलेगा. इसके साथ ही कृषि मंत्री ने कहा अभी तो कानूनों में सुधारों की शुरूआत हुई है ये आगे भी जारी रहेंगे.

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