किसानों ने सुप्रीम कोर्ट से कमेटी को लेकर कही ये बात, अब…
किसान आंदोलन में जारी गतिरोध के बीच एक किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से कृषि कानूनों पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने की मांग की है. इस संगठन का इस संगठन का आरोप है कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी निष्पक्ष नहीं है.
किसान आंदोलन में जारी गतिरोध के बीच एक किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से कृषि कानूनों (Farm laws) पर विचार करने के लिए नई कमेटी गठित करने की मांग की है. इस संगठन का इस संगठन का आरोप है कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी निष्पक्ष नहीं है.
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति गुट) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नई कमेटी गठित करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी निष्पक्ष नही है. इसके साथ ही संगठन ने मांग की है कि, नई कमेटी में एक रिटायर जज को भी शामिल किया जाए.
कृषि कानून (Farm laws) के विरोध में पिछले 51 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ 15 जनवरी को सरकार के साथ 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. अगली बैठक के लिए किसानों को 19 जनवरी का समय दिया गया है. वहीं तीनों कृषि कानूनों (Farm laws) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हो सकती है. इसके साथ ही दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने संबंधी याचिका पर भी सुनवाई होने की उम्मीद की जा रही है. कोर्ट में इन यााचिकाओं पर सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर सकती है. इस बेंच में न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और विंसेंट सरन शामिल हैं. इससे पहले 12 जनवरी को कोर्ट ने अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों (Farm laws) के अमल पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है जिसमें चार लोगों को शामिल किया गया है.
यह भी पढ़ें- अब कृषि कानून को लेकर अन्ना हजारे ने किया बड़ा ऐलान, सरकार ने…
केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. सरकार की तरफ से याचिका में कहा गया है कि, 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाई जाए इसके साथ ही खालिस्तान समर्थकों की घुसपैठ का भी जिक्र किया गया है. यााचिका में कहा गया है कि, खुफिया एजेंसी की सूचना है कि, 26 जनवरी के मौके पर कुछ संगठन ट्रैक्टर रैली करने की योजना बना रहे हैं. इसलिए उन्हें राजधानी में घुसने से रोकने के लिए आदेश पारित किया जाए.
किसानों ने कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी के सामने जाने से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि, कमेटी में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया है जो पहले से ही कानूनों (Farm laws) का समर्थन कर रहे थे. किसानों का कहना है कि, वो कमेटी के सामने नहीं जाएंगे और सरकार के साथ बातचीत के जरिए मसले को सुलझाएंगे. वहीं सरकार ने भी कहा है कि, इस मुद्दे को बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है. उम्मीद की जा रही है कि, अगली बैठक में इसका हल निकलेगा.
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :