EXCLUSIVE: महिलाओं के शामिल होने से और भी उग्र होगा किसानों का आंदोलन, अब ‘आमरण-अनशन’ पर बैठेंगे अन्नदाता!

नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है।

नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ किसानों (Farmers) का आंदोलन लगातार जारी है। देशभर के किसान दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन बैठे हैं। आज यानी सोमवार को किसानों की भूख-हड़ताल पर जारी है। वहीं इस आंदोलन को और भी तेज करने के लिए इसमें महिलाओं ने भी अपनी भागीदारी देनी शुरू कर दिया है। रविवार को पंजाब और हरियाणा की सैकड़ों महिलाओं ने इस आंदोलन में शामिल होकर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की आवाज को और भी बुलंद किया।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन पर दाकिल की गई याचिकाओं पर 16 दिसंबर को सुनवाई होगी। इसके साथ ही एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत में अब तक कोई समाधान न निकलने पर किसानों (Farmers) ने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला लिया है।

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किसान (Farmers) आंदोलन में शामिल होकर महिलाएं अपनी आवाज करेंगी बुलंद

बताया जा रहा है कि 15 दिसंबर 2020 को केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों (Farmers) के आंदोलन को और भी तेज करने के लिए महिलाएं भी शामिल होंगी। हालांकि, रविवार को पंजाब और हरियाणा राज्य की सैकड़ों महिलाओं ने इस आंदोलन में भाग लिया और अपनी आवाज बुलंद की। दोनों राज्यों से आईं महिलाएं दिल्ली के विभिन्न प्रवेश मार्गों पर किसानों के साथ कृषि कानूनों का विरोध कर रही हैं। कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए जब उनके पति, बेटा और भाई घर से निकले तो वे भी उनके साथ हो लीं और गांव से दिल्ली की तरफ कूच कर दिया। ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि 15 दिसंबर को देशभर से किसानों आंदोलन में शामिल होने के लिए महिलाएं भी घर से बाहर निकलेंगी और केंद्र सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकेंगी।

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16 दिसंबर को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसानों (Farmers) के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं, जिस पर कोर्ट 16 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन से जुड़ी अब तक तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

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याचिका में दिल्ली बॉर्डर से किसानों (Farmers) को हटाने की मांग की गई है। कहा गया है कि लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। याचिका में आगे कहा गया कि लोगों को हटाना आवश्यक है, क्योंकि इससे सड़कों पर जाम लग रहा है और साथ ही इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस भी बाधित हो रही हैं।

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19 दिसंबर को किसानों (Farmers) का आरमण अनशन

किसानों के आंदोलन को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत में अब तक कोई समाधान न निकलने से किसानों ने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि 19 दिसंबर को किसानों के आमरण अनशन पर बैठेंगे।

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