चित्रकूट: सूबे के मुखिया की उम्मीदों पर पानी फेरना किसी साजिश से कम नहीं
भले ही योगी सरकार गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा करती हो लेकिन सरकार के सरकारी नौकरशाह गड्ढा मुक्त की जगह सड़क को गड्ढा युक्त करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है
भले ही योगी (YOGI) सरकार गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा करती हो लेकिन सरकार के सरकारी नौकरशाह गड्ढा मुक्त की जगह सड़क को गड्ढा युक्त करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है और सड़कों के नाम पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने की साजिश करते रहते है।
सूबे के मुखिया की उम्मीदों पर पानी फेरना किसी भी साजिश से कम नहीं
धर्म नगरी चित्रकूट के विकास को लेकर सूबे के मुखिया योगी (YOGI) आदित्यनाथ हमेशा ही सख्त रहे हैं और अधिकारियों को समय समय पर निर्देश देते रहते है। चित्रकूट में लगभग 6 बार आकर यहां की कार्य प्रगति का जायजा लेते रहते हैं। योगी आदित्यनाथ का लगाव चित्रकूट से अधिक रहा है उसके बाद भी सूबे के मुखिया की उम्मीदों पर पानी फेरना किसी भी साजिश से कम नहीं है।
सरकारी नौकरशाही गड्ढा युक्त करने में लगे हैं…
जी हां हम बात कर रहे हैं धार्मिक नगरी चित्रकूट की जहां सरकार बनते ही 2017 में योगी (YOGI) सरकार ने पूरे प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का वादा किया था। बावजूद इसके गड्ढा मुक्त सड़कों की बजाय सड़कों को सरकार के सरकारी नौकरशाही गड्ढा युक्त करने में लगे हैं।
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ऐसा ही कई मामले मुख्यालय के बनकट, रगौली बूढ़ा संपर्क मार्ग सहित चित्रकूट के देवांगना संपर्क मार्ग से ददरी संपर्क मार्ग का है जहां लगभग पौने 32 लाख की लागत से 4 किलोमीटर रोड पर काम किया गया और काम ऐसा किया गया कि रोड बनने के 15 दिन बाद नई रोड पर गड्ढे ही गड्ढे दिखने लगे।
प्रदेश में पीडब्ल्यूडी के राज्य मंत्री भी हैं
जिले के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मनमानी इस कदर पूरे जिले पर हावी है कि कोई भी सड़क बनती है तो बिना कमीशन के खेल नहीं होता ऐसे में सवाल पीडब्ल्यूडी के राज्य मंत्री चंद्रिका प्रसाद पर उठते हैं क्योंकि चंद्रिका प्रसाद राज्यमंत्री चित्रकूट की सदर विधानसभा 237 से विधायक भी हैं और प्रदेश में पीडब्ल्यूडी के राज्य मंत्री भी हैं।
और उनका गृह निवास भी चित्रकूट जनपद है इसके बावजूद भी अधिकारियों पर कोई जू तक नहीं रेंगती और ना ही मंत्री का कोई डर है और ना ही शासन प्रशासन का कोई खौफ नही
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जब इस रोड की जानकारी हमने पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता से की तो पता चला कि कि यह रोड 4 किलोमीटर लगभग 31 लाख 79 हज़ार की लागत से बनाई गई है और इस रोड को बनाने वाली कम्पनी का नाम एस के इंटरप्राइजेज के नाम से है सूत्रों के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि आज के समय में चित्रकूट जिले में एस के कंस्ट्रक्शन सबसे अच्छा काम कर रही है।
पीडब्ल्यूडी ऑफिस गए और…
रोडो के मामले में करके देता है लेकिन अगर इतना ही अच्छा काम है तो फिर 4 किलोमीटर नवीनीकरण की गयी रोड में 15 दिन के अंदर गड्ढे में कैसे तब्दील होने लगी और 31 लाख 79 हज़ार की लागत से बनने वाली रोड क्यों भ्रष्टाचार की भेंट की बलि चढ़ाई जा रही है ज्यादा जानकारी करते-करते हम जिले के पीडब्ल्यूडी ऑफिस गए और वहां इस रोड का काम देख रहे हैं।
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अवर अभियंता अरविंद कुमार से जब ऑन कैमरे रिकॉर्ड बात करनी चाही तो उन्होंने अपनी जबान को घुमाते हुए यह कह डाला कि ठंड ज्यादा पड़ रही है इसलिए ऐसे समय में रोड उखड़ने लगती है और हम उसको जल्द ही बनवा देंगे लेकिन साहब को कहां पता था कि कैमरा सामने चालू है।
गांव की ग्रामीण जनता की गालियां कैसे खुशहाल हो सकती है
जैसे ही साहब ने देखा कि कैमरा चालू है तो उन्होंने कैमरे को बंद करने की नसीहत दे डाली और चुपचाप हो गए लेकिन हमारे कैमरे ने उनकी बदजुबानी को कैद कर लिया और कैमरे पर यह रोड भ्रष्टाचार से बनी हुई साबित हुई क्योंकि जब मंत्री के रोड मंत्री के शहर में यह हाल है तो गांव की ग्रामीण जनता की गालियां कैसे खुशहाल हो सकती है।
केशव प्रसाद मौर्य चित्रकूट को 4 पुलों की सौगात सहित 50 नई रोडो की सौगात भी दी जब सरकार YOGI के सरकारी नौकरशाही जिले की रोडो को बनाएंगे और मुख्यमंत्री के दावों पर पानी फेर देंगे तो प्रदेश गड्ढा मुक्त की बजाय गड्ढा युक्त होता रहेगा और सर के कमीशन के भेंट चढ़ती रहेगी।
रिपोर्ट – इरफान खान
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