एटा: खारे पानी की समस्या से जूझ रहे 25 गांव के हजारों लोग
एटा. खबर उत्तर प्रदेश के एटा से है जहाँ एटा के 25 गांव के लोग खारे पानी से परेशान हैं कई सरकारें आईं और गई, लेकिन पानी की समस्या का निराकरण कोई नहीं कर सका ऐसे में आज भी यहां के लोग पीने के पानी की समस्या से जद्दोजहद कर रहे हैं।
दरअसल एटा जनपद के अवागढ़ ब्लॉक में करीब 25 गांव के हजारों लोग दशकों से खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं यह पूरा इलाका डार्क जोन के तहत आता है ऐसे में यहां के लोगों को मीठा पानी उपलब्ध कराने के लिए इलाके में तीन ओवरहेड टैंकों का निर्माण करोड़ों रुपये खर्च कर कराया गया लेकिन ये ओवरहेड टैंक सफेद हाथी साबित हुए इसके बाद फिर योजना आई और गांव-गांव में छोटी टंकियों का निर्माण कराया गया अधिकारी दावा करते हैं कि ये टंकियां चालू करा दी गई हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
अवागढ़ ब्लॉक के 4 ग्राम सभाओं के अंतर्गत आने वाले 25 गांव में लोग खारे पानी की समस्या से जूझ रहे यहां के लोगों को मीठे पानी के लिए संघर्ष करते हुए देखा जा सकता है साल के 12 महीने पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना इन गांव में रहने वाले लोगों की दिनचर्या का हिस्सा है चिलचिलाती गर्मी में भी इन गावों की महिलाएं सिर पर पानी की बाल्टी लेकर रोजाना कई किलोमीटर का पैदल चलने को मजबूर हैं बिजली का कनेक्शन न होने से पानी की दिक्कत हैं यह हाल तब है। जब साल 2007 में करोड़ों रुपये की लागत से इलाके में तीन ओवरहेड टैंक बनवाए गए लेकिन वह आज सफेद हाथी नजर आते हैं।
2007 में बसपा की सरकार थी और काफी कोशिशों के बाद क्षेत्र में 3 ओवरहेड टैंक बनवाए थे लेकिन बिजली का स्थायी कनेक्शन नहीं होने और बिजली का बिल बकाया होने के कारण कनेक्शन कट गया और लोगों को पानी नहीं मिल पाया आज भी ओवरहेड टैंक से पानी न मिलने के कारण बिजली का कनेक्शन ही है जिन गांवों में खारे पानी समस्या है।वह रोहिना मिर्जापुर, हिनौना, टिकाथर, जरानी कला गांव में खारे पानी समस्या ज्यादा है इस इलाके की जनसंख्या 45 से 50 हजार के करीब है अधिकारियों के दावे और जमीनी हकीकत में अंतर मौजूदा समय में अवागढ़ ब्लॉक के करीब 25 गांव के लोगों के लिए मीठे पानी की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी जल निगम पर है लेकिन जल निगम ने इसके लिए राज्य सेक्टर योजना के तहत करीब 118 पानी की टंकियां क्षेत्र में लगवाई हैं। सरकार ने इसके लिए करीब 25 करोड़ का बजट दिया था जल निगम के अधिशासी अभियंता ए एस भाटी की माने तो सभी टंकियां चालू करा दी गई हैं।लेकिन असल में अभी तक टंकियों को शुरू कराने के लिए बिजली का कनेक्शन भी नहीं हुआ है।
इलाके के गांव मिर्जापुर की बात करें तो यहां पर करीब आठ हजार की आबादी खारे पानी की समस्या से जूझ रही है गांव में राज्य सेक्टर योजना के तहत नई पानी की छोटी टंकी लगाई गई है।लेकिन वह अभी तक शुरू नहीं हुई है।पीने के लिए पूरे गांव में पानी नहीं मिलता गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर वीराने में एक नल है। जिससे पूरा गांव पानी पीता है।जब यह नल खराब हो जाता है तो पानी की बड़ी समस्या होती है।रात हो दिन हो या फिर बरसात लोगों को यहीं से पानी लेना होता है।कई जगह लोग शिकायत करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव के लोग बताते हैं कि पहले भी टंकी लगी थी।एक बार फिर टंकी लगाई गई है।लेकिन पीने का पानी कब मिलेगा इसका पता नहीं है।ग्रामीणों को मीठा पानी कब मिलेगा।यह तो सरकारी मंशा पर निर्भर करता है।लेकिन कागज यह बताते हैं कि जल्द ही इलाके में लगाई गई पानी की टंकियां शुरू हो सकती हैं।
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