3 लोकसभा और 30 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव आयोग ने उपचुनाव कार्यक्रम की घोषणा की,

पश्चिम बंगाल का विधानसभा क्षेत्र भाबनीपुर उपचुनाव का परिणाम तय करेगा ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल

भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने आगामी 30 अक्टूबर को तीन लोकसभा और 30 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इसकी घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों से उनकी राय ली गयी। इसके बाद और कुछ क्षेत्रों में महामारी, बाढ़, त्योहारों, ठंड की स्थिति से संबंधित सभी परिस्थितियों की समीक्षा के बाद कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है।

यह रहेगा चुनाव आयोग द्वारा तय कार्यक्रम

केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, मध्य प्रदेश (खंडवा) और हिमाचल प्रदेश (मंडी) में एक-एक सीट पर लोकसभा उपचुनाव होंगे। आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मिजोरम, महाराष्ट्र, नागालैंड और तेलंगाना में एक-एक निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा उपचुनाव होंगे। कर्नाटक, बिहार और राजस्थान में दो-दो, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, पश्चिम बंगाल में चार, और असम में पांच निर्वाचन क्षेत्रों में विधानसभा उपचुनाव होंगे।

मुख्यमंत्री पद के लिए जरुरी है उपचुनाव में दीदी की जीत

चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में 30 सितंबर (गुरुवार) को चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी। इनमें पश्चिम बंगाल का भबनीपुर भी शामिल है। यहां से ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए नवंबर तक राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने की जरूरत है।

नए उप-चुनाव कार्यक्रम की घोषणा इसलिए की गई क्योंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय मंगलवार को भबनीपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव को प्राथमिकता देने के खिलाफ एक जनहित याचिका पर अपना फैसला सुना सकता था।

बनर्जी ने 5 मई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए ममता बनर्जी को छह महीने के भीतर निर्वाचित होने की आवश्यकता है। उनकी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस साल गर्मियों में तीसरी बार 292 सीटों में से 213 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की, जिसके लिए मार्च और अप्रैल में आठ चरणों में मतदान हुआ था। राज्य में हुए बंगाल विधान सभा चुनावों में ममता बनर्जी नंदीग्राम से भारतीय जनता पार्टी के अपने प्रतिपक्षी सुवेंदु अधिकारी से 1,956 मतों के मामूली अंतर से हार गईं थी। टीएमसी ने जल्द से जल्द उपचुनाव कराने का दबाव बनाया। कार्यक्रम की घोषणा में देरी को लेकर चुनाव आयोग ने आलोचना की थी।

कोविड से बचाव के नियमों का करना होगा पालन

कोविड-19 महामारी को देखते हुए उपचुनाव स्थगित कर दिए गए थे। महामारी के दौरान चुनाव कराने के लिए ECI के दिशानिर्देश 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनावों पर लागू होंगे। चुनावी अभियान में सीमित भागीदारी और मास्क, सैनिटाइज़र और दस्ताने के उपयोग को अनिवार्य करेंगे।

भवानीपुर के अलावा गुरुवार को जंगीपुर, समरगंज (पश्चिम बंगाल) और पिपली (ओडिशा) सीटों पर भी उपचुनाव हो रहे हैं। चुनाव आयोग ने महामारी की स्थिति के अनुसार अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार को कम करते हुए भवानीपुर में 14-दिवसीय प्रचार की अनुमति दी। नामांकन प्रक्रिया के दौरान सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगा दी गई थी। इनडोर अभियानों के लिए, अनुमत क्षमता का 30% या 200 व्यक्तियों, जो भी कम हो, की अनुमति थी।

कोविड -19 मामलों की दैनिक गिनती 26 फरवरी को लगभग 200 थी। इसके बाद जब बंगाल में आठ चरणों के चुनाव की घोषणा हुई और 29 अप्रैल को मतदान समाप्त हुआ तब यह संख्या 27,000 से अधिक हो गई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संक्रमण में वृद्धि को राजनीतिक रैलियों को कोविड -19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन से जोड़ते हुई संख्या बढ़ने का कारण बताया।

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