कौशाम्बी : यमुना में बढ़े जलस्तर से तराई इलाके के गांव के अंदर घुसने लगा पानी

यूपी के कौशाम्बी में यमुना में बढ़े जलस्तर से तराई इलाके के गांव केअंदर पानी घुसने लगा है। जिसके चलते फसलें तो जल मग्न हो ही गई हैं किन्तु गंगा और यमुना के बढ़ते जल स्तर से ग्रामीणों को भी फजीहतों का सामना करना पड़ा रहा है।

यूपी के कौशाम्बी में यमुना में बढ़े जलस्तर से तराई इलाके के गांव के अंदर पानी घुसने लगा है। जिसके चलते फसलें तो जल मग्न हो ही गई हैं किन्तु गंगा और यमुना के बढ़ते जल स्तर से ग्रामीणों को भी फजीहतों का सामना करना पड़ा रहा है। एका-एक बाढ़ आने से यमुना की तराई के लगभग आधा दर्जन गांवों का संपर्क भी टूट गया है।

ग्रामीण नाव के सहारे एक गांव से दूसरे गांव तक पहुँचते हैं। वहीं यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीण अपनी गृहस्थी को बचाने में भी जुट गए हैं। काफी समय बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों की सुधि लेने के लिए तहसीलदार के अलावा कोई भी बड़ा अफसर एवं जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा है। जिसके चलते ग्रामीणों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है।

राजस्थान के धौलपुर बैराज से पिछले हफ्ते 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिससे बाढ़ की संभावना बनने लगी थी। जिला प्रशासन ने भी तराई के ग्रामीणों को सतर्क रहने की बात कही थी। इसके अलावा 24 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी है। यमुना में बाढ़ आने से मंझनपुर एवं चायल तहसील के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया।

इसके अलावा किसानों की फसल भी जलमग्न हो गई। सबसे ज्यादा परेशानी चायल तहसील के बेनपुर, कटैया, भखन्दा, मल्हीपुर, डिहवा, डेरा आदि गांवों का बाढ़ से संपर्क टूट गया। ग्रामीणों नाव के सहारे एक गांव से दूसरे गांव जाने को मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो बाढ़ का पानी तेजी से लोगों के घरों में घुस रहा है। फसले भी नष्ट हो गई हैं। लेकिन कोई भी बड़ा अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौके पर नहीं आया। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। हालांकि चायल तहसीलदार ही शनिवार को गए लेकिन वह भी कोरा आश्वासन देकर चले गए। डीएम सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि यमुना में जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जिससे तराई के इलाकों में बाढ़ आ गई है। ऐसे में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का संदेश दिया जा रहा है। इसके अलावा 24 बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर दी गई है। बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है। किन्तु जमीनी हकीकत तो ये है की अभी तक बाढ़ से ग्रसित ग्रामीणों के लिए किसी भी प्रकार की कोई सुविधा ना तो प्रशासन और ना ही सरकार के आफीसरों के द्वारा मुहैया कराई गई है।

रिपोर्ट- मानसिंह विश्वकर्मा

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