गोशाला में ठंड से गोवंशो ने तोड़े दम, टिनशेड पर तिरपालें तक नहीं

भगवान कृष्ण की जन्मस्थली जिले में बढ़ती सर्दी से निराश्रित गोवंश की हालत खराब हो गई है। बीमार और कमजोर गोवंश की मृत्यु दर बढ़ गई है।

 मथुरा : मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और भारत की प्राचीन नगरी है।भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म, दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। यह धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली जिले में बढ़ती सर्दी से निराश्रित गोवंश की हालत खराब हो गई है। बीमार और कमजोर गोवंश की मृत्यु दर बढ़ गई है।

सोमवार को कोसीकलां स्थित एक गोशाला में चार गोवंश मर गए। बता दें कि गोशाला में तेज हवा से टिनशेड पर लगी तिरपालें हट गई हैं। पशुओं पर जूट की बोरी तक नहीं डाली गई है। गोशालाओं में सीलन से पशुओं का बैठना तो दूर खड़ा होना भी मुश्किल हो गया है। गोशालाओं में अलाव की व्यवस्था तक नहीं है।

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ठंड से बचाव को लेकर शासन के निर्देश

कड़ाके की ठंड से बचाव को लेकर शासन ने गोवंश को जूट के कोट पहनाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन यहां अभी तक जूट के बोरे उपलब्ध नहीं हो सके हैं। भगवती रोड पर एक गोशाला में सोमवार को चार गोवंश मर गए। इसके अलावा सरकार ने गोवंशों के लिए बनाए गए गांधी चिकित्सालय परिसर आश्रय स्थल में उचित व्यवस्था न कर पाने की वजह से आए दिन गोवंश मर रहे हैं।

सोमवार की दोपहर में तो शालीमार रोड श्मशान घाट पर एक अंतिम संस्कार की आग के समीप खड़े होकर पांच-छह गोवंश सर्दी दूर करते दिखाई दिए। सर्दी से पशुओं के बचाव के लिए कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ रही है।

डॉ. अमर सिंह पौनियां

इधर, श्रीकृष्ण गोशाला के प्रधान डॉ. अमर सिंह पौनियां ने इस बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है। नगर पालिका के प्रशासनिक अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया कि आश्रय स्थल में निराश्रित गोवंश की देखभाल के लिए समुचित व्यवस्था है। अगर कहीं कोई कमी होगी तो दूर कराई जाएगी।

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