होली के त्यौहार पर अलग अलग रंगों की एहमियत जानते है आप? पढ़िए पूरी खबर

क्या आपको पता है कि इन रंगों के भी कई सारे मायने होते हैं. किसी भी रंग का प्रयोग करने से पहले रंगों का अर्थ अवश्य जान लें।

होली का महापर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. हर तरफ लोग एक दूसरे पर रंग डाल रहे हैं. यह महापर्व भगवान के युग से चला आ रहा है. प्रभु श्री राम और कृष्ण ने भी जमकर होली खेली थी और उस समय से ही ये परंपरा चली आ रही है. होलिका दहन के दूसरे दिन हर साल लोग सुबह से ही रंगों से खेलने लगते हैं।

जाने रंगों के मायने
वैसे तो होली खेलने का मकसद सभी मतभेदों को भुलाकर प्यार से जीना है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन रंगों के भी कई सारे मायने होते हैं. किसी भी रंग का प्रयोग करने से पहले रंगों का अर्थ अवश्य जान लें।

लाल रंग
होली के दौरान यह रंग सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. आपको बता दें, उगते सूरज का रंग भी लाल ही होता है. यह जुनून, उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक है। होली के दिन लोगों में काफी हर्ष और उल्लास का माहौल होता है। इसलिए ज्यादातर लोग लाल रंग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।

हरा रंग
होली पर यह रंग खुशहाली, हरियाली, समृद्धि और शांति का प्रतीक है. प्रकृति भी धरती को हरे रंग से सजाती है. हरा रंग संतुलित जीवन, दया और प्यार को दर्शाता है.होली पर हरा रंग आपके जीवन को नई खुशियों से भर देता है।

नीला रंग  
होली पर यह रंग बहुत कम ही देखने को मिलता है, लेकिन फिर भी लोग इसे पसंद करते हैं. नीला रंग विशालता का प्रतीक माना जाता है। आसमान और समुद्र दोनों ही विशाल हैं. उनका रंग भी नीला है. यह रंग अपने अंदर के सारे रंगों को सोख लेता है

पीला रंग
इन रंगों को समृद्धि और प्रसिद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह रंग भगवान कृष्ण को भी सबसे प्रिय है, जिन्होंने होली की प्रथा शुरू की थी. इस मौसम में अधिकतर पेड़ों पर पीले फूल वातावरण को खुशनुमा बना देते हैं. पीले रंग इसलिए को बहुत पवित्र माना जाता है।

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