गर्भावस्था के दौरान न करें सोने में लापरवाही अथवा शिशु को होगा ये नुकसान
गर्भावस्था के दौरान बायीं करवट से सोना चाहिए. इससे प्लेसेंटा में ब्लड व दूसरे पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में जाते हैं जो शिशु को लाभ करते हैं. इस दौरान पैरों व घुटनों को मोड़कर रखना चाहिए व पैरों के बीच में तकिया लगाना चाहिए. इससे कमर दर्द में आराम मिलता है. पीठ के बल सोने से पीठदर्द के साथ सांस और पाचनतंत्र की समस्याएं होने के साथ ब्लड प्रेशर कम होने का खतरा रहता है.
नियमित जाँच इसलिए जरूरी
गर्भावस्था में नियमित जाँच महत्वपूर्ण है. इसमें हीमोग्लोबिन व ब्लड प्रेशर महत्त्वपूर्ण है. मां का हीमोग्लोबिन व ब्लड प्रेशर अच्छा रहेगा तो गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ होगा. हीमोग्लोबिन लेवल बारह से कम नहीं होना चाहिए. हाई रिस्क प्रेगनेंसी में मां का एचबी कम है, ब्लड प्रेशर असंतुलित है व प्लेसेंटा नीचे की ओर है तो गर्भवती को समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेते रहना चाहिए.
दिन में भी नींद लें
गर्भावस्था के दौरान दिन में कम से कम दो घंटे जबकि रात में आठ घंटे की नींद स्वस्थ मां व शिशु के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इससे गर्भ में पल रहे शिशु की स्वास्थ्य अच्छा रहने के साथ मां को भी गर्भावस्था के दौरान कोई स्वास्थ्य संबंधी कठिनाई नहीं होती है.
न करें लापरवाही
– 80 फीसदी गर्भवती महिलाएं नींद पर ध्यान नहीं देतीं जिससे उन्हें कठिनाई होती है.
– 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए जिससे शरीर में तरलता बनी रहे.
– 10 फीसदी गर्भवती नियमित जांचें नहीं कराती हैं जिससे प्रसव के दौरान कठिन हो सकती है.
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