डर्टी पॉलिटिक्स! कांग्रेस से विधानसभा टिकट के लिए रची साजिश सीओ की जांच में हुआ ख़ुलासा
सुल्तानपुर। आज कूटरचित जानलेवा हमले के मामले में कांग्रेस नेत्री रीता यादव को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा है। उसके साथ ही दो अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए गए हैं जो उसके षडयंत्र में शामिल थे। दरअसल रीता ने विधानसभा में टिकट पक्का कराने के लिए खुद पर हमले की साजिश रची थी। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी को काला झंडा दिखाकर चर्चा में आई थी पूर्व सपा नेत्री।
बताते चलें कि पूरा मामला प्लांट वे में किया गया था इस पूरे मामले के खुलासे में लंभुआ सर्किल क्षेत्र के सीओ सतीश चंद शुक्ला की भूमिका काफी बेहतर रही। दरअसल जैसे ही घटना हुई सीओ सतीश चंद्र शुक्ला घटना स्थल पर पहुंचे, घटना स्थल से सीएचसी की दूरी एक किमी थी यही से उनसे शक की सुई घूमी। फिर रीता के पैर में जांघ के नीचे गोली लगी थी अक्सर पुलिस मुठभेड़ में गन प्वाइंट यही रहता है। यह एंगल भी उनकी विवेचना का विषय बना था इसके बाद सीएचसी से अस्पताल तक में रीता का दो अलग-अलग बयान सीओ सतीश को खटक गया। फिर बाद में उसने बयान दर्ज कराने में आनाकानी की जो घटना के संदिग्ध होने को पुख्ता कर गई। जिस पर सीओ के निर्देश पर रीता की बोलेरो ड्राइवर मो. मुस्तकीम को उठाया गया तो उसने प्लान वाले राज को उगल दिया।
तो वही रीता यादव ने 3 जनवरी को शहर से घर लौटते समय लंभुआ ओवर ब्रिज पर स्वयं के ऊपर जानलेवा हमले की तहरीर पुलिस में दी थी। उसके पैर में चोट लगी थी और उसे सीएचसी से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस की पड़ताल में मामला सामनें आया कि रीता लंभुआ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट हथियाना चाहती थी इसलिए उसने मुस्तकीम, सूरज यादव और माधव यादव के साथ मिलकर खुद पर हमले का प्लान किया। पुलिस के अनुसार रीता इन्ही लोगों के साथ गाड़ी पर बैठकर गई और सुनसान इलाके में घटना को अंजाम दिलाया।
रिपोर्टर – संतोष पांडेय
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