फतेहपुर : कोरोना खतरे के बीच डेंगू ने पसारा पैर, डेड दर्जन से अधिक लोगो की मौत, सैकड़ो लोग अस्पताल में भर्ती
कोरोना के खतरे के बीच अब फतेहपुर जिले में डेंगू ने भी अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। जिले के अमौली और देवमई ब्लॉक के दर्जनों गांव में ऐसे हालात है कि एक माह के भीतर डेढ़ दर्जन से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है।
कोरोना के खतरे के बीच अब फतेहपुर जिले ( Fatehpur district ) में डेंगू (Dengue)ने भी अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। जिले के अमौली और देवमई ब्लॉक के दर्जनों गांव में ऐसे हालात है कि एक माह के भीतर डेढ़ दर्जन से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है। जबकि चार दर्जन से अधिक ऐसे मरीज है जिनका जिला अस्पताल एवं अन्य दूसरे निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
भर्ती मरीजो में कुछ की हालत बेहद नाजुक है, जिन्हें कानपुर के लिए रेफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी पीड़ित गांवो में शिविर लगाया गया है। डेंगू बुखार से अब तक हो चुकी मौतों के बाबत स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई सरकारी आंकड़े नही जारी किए हैं।
छह मरीज ऐसे हैं जो आईसीयू में भर्ती है
देवमई ब्लॉक के नोनारा गांव के ग्राम प्रधान के मुताबिक डेंगू बुखार से अब तक गांव में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि सैकड़ो लोगो की हालत गम्भीर है। कुछ मरीजो का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है तो कुछ मरीज कानपुर में भर्ती है। जिनकी जांच रिपोर्ट में डेंगू की पृष्टि हुई है। गांव के छह मरीज ऐसे हैं जो आईसीयू में भर्ती है। गांव के प्रधान का यह भी कहना है कि तमाम शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने काम तो शुरू किया है, लेकिन प्रयास अभी भी नाकाफी साबित हो रहा है।
शंकर विश्वकर्मा व श्रीनारायण की मौत हो चुकी है
अमौली ब्लॉक के भी कई गांवो में डेंगू ने अपना कहर बरपा रखा है। दो दर्जन से अधिक लोग संक्रामक बीमारी के चपेट में है। आजमपुर गढ़वा में बुखार के चलते सोनी, शंकर विश्वकर्मा व श्रीनारायण की मौत हो चुकी है। जहानाबाद में आठ साल की मासूम आयात की मौत हो चुकी है। इसके अलावा बाबूपुर में कल एक किशोर की भी मौत हो गई। जबकि कुम्हारनपुर गांव में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाई
एक माह के भीतर हुई दर्जनों लोगों की मौत के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी है। डेंगू व अन्य संक्रामक बीमारियों से पीड़ित लोगों के गांवो में शिविर लगाकर जांच उपचार शुरू कर दिया गया है।जिन मरीजो की हालत बिगड़ चुकी है वह अपना इलाज निजी अस्पताल में करवा रहें है। हालात बेकाबू होने के बाद बिंदकी एसडीएम आशीष यादव ने गांव का निरीक्षक किया। उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने गांव में एंटीलारवा का छिड़काव शुरू किया है। ग्रामीणों की शिकायत है कि स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही बरती है अगर ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास भी नाकाफ़ी साबित
गांव में बजबजाती नालियां और चौतरफा फैली गंदगी के चलते हालात बेकाबू होते जा रहे है। सरकारी अस्पतालों में भी मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिल पा रही है। ग्रामीणों द्वारा मामले में उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद गांवो में साफ सफाई का अभियान शुरू तो किया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयास भी नाकाफ़ी साबित हो रहें है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार हो रही मौतों के आंकड़े भी नही जारी किए गए है। वहीं इस बाबत जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एसपी अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने मौतों के आंकड़े की नही जानकारी होने की बात कहते हुए आधिकारिक बयान देने से भी साफ मना कर दिया।
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