अशोक सिंघल को मरणोपरान्त भारत रत्न देने की मांग, केशव मौर्य के बाद अब अखाड़ा परिषद ने किया समर्थन
Ashok Singhal लखनऊ : लम्बे समय तक श्रीराम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करते रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिए जाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। बुधवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं बाघम्बरी मठ के महंत नरेंद्र गिरी ने भी अशोक सिंघल को भारत में दिए जाने की मांग का समर्थन किया है।
- उनसे पहले गायत्री गंगा चैरिटेबल संस्थान के प्रबंधक परमहंस प्रभाकर भी यही मांग कर चुके हैं।
- इससे 2 दिन पूर्व सोमवार को प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी स्वर्गीय अशोक सिंघल को भारत रत्न दिए जाने की मांग का समर्थन किया था।
अखाड़ा परिषद पारित करेगा प्रस्ताव, 13 अखाड़े होंगे एक साथ :-
- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने प्रयागराज में कहा कि देश की आजादी में योगदान के लिए महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई है।
- उसी तरह सनातन धर्म व संस्कृति के प्रचार-प्रसार, वेद-पुराण के संरक्षण व श्रीराम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के लिए अशोक सिंहल को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।
- उन्होंने बताया कि परिषद की आगामी बैठक में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- सभी प्रतिनिधि अशोक सिंघल को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजेंगे।
सिंघल ने सनातनियों में धर्म व राष्ट्र के प्रति चेतना जगाई – महंत नरेंद्र गिरी
- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अशोक सिंघल को सद् गृहस्थ संत बताया।
- उन्होंने कहा कि मंदिर आंदोलन के जरिए उन्होंने देश भर के धर्माचार्यों को एकजुट करके सनातनियों में धर्म व राष्ट्र के प्रति चेतना जगाई थी।
- वह सनातन धर्म व संस्कृति के सच्चे प्रवर्तक थे।
- उन्होंने हिंदुओं को जाति, वर्ग के भेद से मुक्त कर एकजुट किया था।
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